Gas Cylinder Price Down: बकरीद से पहले पाकिस्तान की आम जनता को राहत और झटका दोनों एक साथ मिले हैं. सरकार ने पेट्रोल की कीमत में 1 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है, जबकि रसोई गैस (LPG) के दाम में 54.6 रुपए की कटौती की गई है. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब महंगाई से जूझ रही जनता को राहत की उम्मीद थी.
पेट्रोल के दाम में 1 रुपए की बढ़ोतरी
पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोल की नई कीमत 253.63 रुपए प्रति लीटर हो गई है, जो पहले 252.63 रुपए प्रति लीटर थी. हालांकि डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे परिवहन लागत पर फिलहाल अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा.
गैस सिलेंडर के दाम में मिली बड़ी राहत
सरकार ने रसोई गैस के दाम में 4.62 रुपए प्रति किलोग्राम की कटौती की है. इसके चलते 11.8 किलोग्राम के गैस सिलेंडर की कीमत 2892.53 रुपए से घटकर 2838.31 रुपए हो गई है. यानी, एक सिलेंडर अब 54.6 रुपए सस्ता मिलेगा, जिससे घरेलू बजट को कुछ राहत मिल सकती है.
एलपीजी दर में कटौती के पीछे की वजह
OGRA (ऑयल एंड गैस रेगुलेटरी अथॉरिटी) ने कहा है कि LPG के उत्पादक मूल्य सऊदी अरामको के कॉस्ट एंड प्राइस (CP) और डॉलर के विनिमय दर से जुड़े होते हैं.
- मई की तुलना में सऊदी अरामको CP में 2.67% की गिरावट दर्ज की गई.
- वहीं, डॉलर एक्सचेंज रेट में 0.35% की मामूली बढ़ोतरी हुई.
इन दोनों कारकों का संयुक्त प्रभाव एलपीजी उपभोक्ता मूल्य में कमी के रूप में सामने आया, जिसके कारण 11.8 किलोग्राम सिलेंडर 54.6 रुपए सस्ता किया गया.
कब से लागू हैं ये नए रेट?
पाकिस्तान सरकार द्वारा घोषित नए पेट्रोल और गैस सिलेंडर के रेट 11 जून 2025 से लागू कर दिए गए हैं. देशभर में इन नई दरों पर पेट्रोल और एलपीजी की आपूर्ति शुरू हो चुकी है.
सरकार ने स्पष्ट किया है कि LPG की नई कीमतें जून महीने के लिए निर्धारित की गई हैं और भविष्य में अरामको CP और डॉलर रेट में बदलाव होने पर इसे फिर से संशोधित किया जा सकता है.
क्या आम जनता को मिलेगा फायदा?
- पेट्रोल महंगा और गैस सस्ती होने से दोहरी स्थिति बनी है.
- जिन परिवारों का मुख्य खर्च घरेलू रसोई गैस पर आधारित है, उन्हें राहत मिलेगी.
- वहीं, जिनकी दैनिक यात्रा या परिवहन लागत पेट्रोल पर निर्भर है, उन्हें थोड़ी अतिरिक्त जेब ढीली करनी पड़ेगी.
- विशेषज्ञों का मानना है कि पेट्रोल की कीमतों में यह बढ़ोतरी सीमित है, लेकिन यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती रहीं, तो आगे और बोझ बढ़ सकता है.