Drain Cleaning Deadline: हरियाणा सरकार मानसून से पहले जलभराव और पेयजल संकट से निपटने के लिए सक्रिय हो गई है. प्रदेश की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण बैठक की जिसमें सिंचाई विभाग और पब्लिक हेल्थ विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया. बैठक में ड्रेनों की सफाई, बाढ़ नियंत्रण और जल आपूर्ति से संबंधित तैयारियों की समीक्षा की गई.
873 ड्रेन, जिनमें 676 की सफाई जरूरी
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में कुल 873 ड्रेन मौजूद हैं. जिनमें से 676 ड्रेनों की सफाई मानसून से पहले जरूरी है. अधिकारियों ने बताया कि अब तक 470 ड्रेनों की सफाई पूरी हो चुकी है और बाकी 206 ड्रेनों की सफाई का काम 20 जून 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
मंत्री ने दिया साफ निर्देश
मंत्री श्रुति चौधरी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी सफाई कार्य समय पर पूरे किए जाएं. उन्होंने कहा कि निर्धारित डेडलाइन से कोई समझौता नहीं होगा. और लापरवाही या देरी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा “जलभराव और बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी समय पर होनी चाहिए. पेयजल व्यवस्था में भी कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.”
बाढ़ नियंत्रण की परियोजनाएं समय से पूरी हों
बैठक में मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि बाढ़ नियंत्रण से संबंधित सभी परियोजनाएं तय समयसीमा में पूरी की जाएं. इसका उद्देश्य यह है कि मानसून के दौरान प्रदेश के किसी भी हिस्से में जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो. विभागों को यह सुनिश्चित करना होगा कि नालियों और ड्रेनों की सफाई के साथ-साथ पानी की निकासी की व्यवस्था भी दुरुस्त रहे.
पेयजल आपूर्ति पर विशेष निगरानी के आदेश
मानसून के दौरान पेयजल संकट न पैदा हो. इसके लिए मंत्री ने निर्देश दिए कि पेयजल आपूर्ति पर विशेष निगरानी रखी जाए. उन्होंने कहा कि जहां-जहां जल स्रोत हैं. वहां पानी की गुणवत्ता और सप्लाई पर खास ध्यान दिया जाए. ताकि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में नागरिकों को परेशानी न हो.
फील्ड विजिट के निर्देश, SE स्तर के अधिकारी पहुंचें मौके पर
मंत्री ने कहा कि जहां भी ड्रेन की सफाई का काम चल रहा है. वहां SE (सुपरिटेंडिंग इंजीनियर) स्तर के अधिकारी मौके पर जाकर निरीक्षण करें. इससे फील्ड कार्य की निगरानी और गुणवत्ता सुनिश्चित हो सकेगी. उन्होंने कहा कि केवल कागजों में काम नहीं चलेगा. जमीनी हकीकत भी देखी जाएगी.
जलभराव से निपटने के लिए बहुस्तरीय प्लान
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जलभराव की समस्या को हल्के में नहीं लिया जाएगा. इसके लिए स्थानीय स्तर से लेकर जिला और राज्य स्तर पर योजनाएं बनाई जा रही हैं. प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
- प्रत्येक ड्रेन की समय पर सफाई
- नालियों से जल निकासी की स्पष्ट व्यवस्था
- पेयजल स्रोतों की गुणवत्ता और निरंतर आपूर्ति की जांच
- फील्ड स्तर पर अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी
समयबद्ध कार्रवाई से मिल सकता है राहत
अगर सभी विभाग तय समयसीमा में दिए गए कार्य पूरे करते हैं, तो इस मानसून में जलभराव की घटनाएं न्यूनतम हो सकती हैं. पिछली बरसातों में कई इलाकों में भारी बारिश के चलते सड़कें डूबीं और लोगों को कठिनाई झेलनी पड़ी थी. इस बार सरकार इन समस्याओं को पूर्व तैयारी से रोकना चाहती है.