Rajasthan Rain Alert: दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता के चलते राजस्थान के कई जिलों में झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है. सोमवार सुबह से ही राजधानी जयपुर सहित कई हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 23 और 24 जून को पूर्वी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश हो सकती है.
कोटा, भरतपुर और जयपुर में भारी बारिश का पूर्वानुमान
मौसम केंद्र जयपुर के मुताबिक, अगले दो दिनों में कोटा, भरतपुर और जयपुर संभाग में कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना है. यह चेतावनी उन इलाकों के लिए है जहां पहले से ही जलभराव और मौसम जनित जोखिम बने हुए हैं.
पश्चिमी राजस्थान में भी बदलेगा मौसम
वहीं, बीकानेर संभाग के कुछ क्षेत्रों में 25 से 27 जून के बीच आंधी और तेज बारिश का सिलसिला तेज होने की उम्मीद है. मौसम विभाग ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी में एक नया मौसमी तंत्र विकसित हो रहा है, जिसका असर राजस्थान पर 27 जून के बाद अधिक स्पष्ट होगा.
जयपुर सहित कई जिलों में सुबह से ही बारिश
जयपुर, टोंक, सीकर, बारां, दौसा, झालावाड़, नागौर और कोटा जिलों में सोमवार सुबह से ही बादलों की गड़गड़ाहट के साथ बूंदाबांदी और बारिश देखने को मिल रही है. कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश भी हुई है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है.
बंगाल की खाड़ी में मौसमी सिस्टम करेगा असर
मौसम विभाग का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बनने वाला नया मौसम तंत्र 27 जून से पूर्वी राजस्थान में बारिश की गतिविधियों को फिर तेज कर देगा. इस सिस्टम के कारण लगातार भारी बारिश की संभावना बनी हुई है.
किसानों के लिए सतर्कता जरूरी
जिन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है, वहां किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है. खेतों में जलभराव, पशुधन को सुरक्षित स्थान पर रखना और बिजली उपकरणों से दूरी बनाए रखना आवश्यक है.
यातायात और जनजीवन पर असर
जयपुर और कोटा जैसे शहरी क्षेत्रों में बारिश के कारण ट्रैफिक जाम, जलभराव और बिजली कटौती की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. लोग घर से बाहर निकलने से पहले मौसम की स्थिति की जानकारी जरूर लें और आवश्यक सावधानियां अपनाएं.
अगले 72 घंटे बेहद खास
मौसम विभाग ने साफ कहा है कि अगले 72 घंटे राजस्थान के लिए मौसम की दृष्टि से काफी संवेदनशील हैं. मानसून के इस दौर में लोगों को प्रशासनिक निर्देशों का पालन करना चाहिए और आपदा प्रबंधन विभाग के अलर्ट पर ध्यान देना चाहिए.