IMD Punjab Weather: पंजाब में बीते कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे मौसम में तो राहत मिली है लेकिन लोगों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं. कई इलाकों में जलभराव, ट्रैफिक जाम और बिजली आपूर्ति बाधित होने जैसी समस्याएं सामने आई हैं. अब मौसम विभाग ने अगले 4 दिनों के लिए एक और चेतावनी जारी की है.
4 और 5 जुलाई को इन जिलों में भारी बारिश
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, 4 और 5 जुलाई को पंजाब के होशियारपुर, पठानकोट और गुरदासपुर जिलों में भारी बारिश की संभावना है. इसके साथ ही नवांशहर, रूपनगर, अमृतसर और कपूरथला में हल्की बूंदाबांदी के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं.
6 और 7 जुलाई को तेज हवाओं के साथ बरसेगा पानी
मौसम विभाग के मुताबिक, 6 और 7 जुलाई को बारिश और तेज हवाओं का असर और अधिक जिलों तक फैल सकता है. इन दो दिनों में जालंधर, अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला, होशियारपुर, नवांशहर, रूपनगर, एस.ए.एस. नगर (मोहाली), फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर और पठानकोट में तेज हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना जताई गई है.
किन जिलों में रहेगा सबसे ज्यादा असर
इन जिलों में मौसम का असर सबसे अधिक रहने का अनुमान है:
- होशियारपुर
- पठानकोट
- गुरदासपुर
- अमृतसर
- नवांशहर
- रूपनगर
- कपूरथला
- जालंधर
- तरनतारन
- एस.ए.एस. नगर (मोहाली)
- फतेहगढ़ साहिब
लोगों को मिल सकती है राहत और परेशानी दोनों
जहां बारिश से गर्मी से राहत मिल सकती है, वहीं इससे कृषि, ट्रैफिक और जनजीवन पर असर पड़ने की आशंका है. किसानों के लिए यह बारिश फायदेमंद हो सकती है लेकिन शहरी क्षेत्रों में जलभराव और यातायात अवरोध जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
मौसम विभाग ने क्या कहा
मौसम विभाग ने साफ किया है कि अगले चार दिन मौसम अस्थिर रहने की पूरी संभावना है. लोगों को सलाह दी गई है कि वे मौसम अपडेट पर नजर बनाए रखें, बेवजह यात्रा से बचें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें.
जनता को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए
- तेज बारिश के दौरान खुले क्षेत्र में खड़े न रहें
- तेज हवाओं में पेड़ या बिजली के खंभों से दूर रहें
- मौसम से जुड़ी अपडेट के लिए विश्वसनीय स्रोतों पर नजर रखें
- ट्रैफिक और जलभराव की जानकारी लेकर ही घर से निकलें
- स्कूलों और कार्यालयों में अलर्ट के अनुसार समय पर बदलाव की तैयारी रखें
कृषि पर प्रभाव
बारिश से किसानों को खेतों की सिंचाई में राहत मिल सकती है, लेकिन अधिक वर्षा होने पर फसलों को नुकसान भी हो सकता है. इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे फसलों को ढकने और जल निकासी की उचित व्यवस्था करें.