1 पंखा और AC चले तो कितना आएगा बिल, जाने दिल्ली और यूपी के बिल की असली सच्चाई Eletricity Bill

Eletricity Bill: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रहने वाले लोग हर गर्मियों में बिजली बिल की बढ़ती राशि को लेकर परेशान रहते हैं. मार्च से नवंबर के बीच एसी और पंखों के बढ़े उपयोग से बिजली खपत में उछाल आता है. इस बार चर्चा है कि बिजली दरों में फिर बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे यूपी वालों की जेब और ढीली हो सकती है.

एक पंखा और एक एसी से कितनी बिजली खपत?

आइए एक अनुमान लगाते हैं कि अगर कोई उपभोक्ता रोजाना 1 छत पंखा और 1.5 टन का 5-स्टार स्प्लिट एसी 10 घंटे चलाता है, तो उसकी मासिक बिजली खपत कितनी होगी:

  • पंखा: 0.5 kWh/दिन × 30 दिन = 15 kWh/महीना
  • एसी: 8.4 kWh/दिन × 30 दिन = 252 kWh/महीना
  • कुल मासिक खपत: 15 + 252 = 267 kWh

यूपी में बिजली की दरें कितनी हैं?

उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) और नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (NPCL) इन शहरों में बिजली वितरण का काम देखती हैं. शहरी क्षेत्र में बिजली दरें कुछ इस प्रकार हैं:

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  • 0-100 यूनिट: ₹5.50 प्रति यूनिट
  • 101-150 यूनिट: ₹5.50 प्रति यूनिट
  • 151-300 यूनिट: ₹6.00 प्रति यूनिट
  • 301 यूनिट से अधिक: ₹6.50 प्रति यूनिट
  • फिक्स्ड चार्ज: ₹130 प्रति माह
  • FPPCA: 1.24%
  • TOD सरचार्ज (ग्रीष्मकालीन समय): 10%

यूपी में 267 यूनिट बिजली पर कुल बिल कितना?

267 यूनिट खपत पर बिल का गणित:

  • पहले 100 यूनिट × ₹5.50 = ₹550
  • अगले 50 यूनिट × ₹5.50 = ₹275
  • बाकी 117 यूनिट × ₹6.00 = ₹702
  • उप-योग: ₹1527
  • फिक्स्ड चार्ज = ₹130
  • FPPCA (1527 का 1.24%) = ₹18.92
  • TOD सरचार्ज (1527 का 10%) = ₹152.70
  • कुल बिल: ₹1527 + ₹130 + ₹18.92 + ₹152.70 = ₹1828.62

दिल्ली में बिजली की सब्सिडी और दरें

दिल्ली में बिजली की आपूर्ति BSES और टाटा पावर जैसी कंपनियां करती हैं. यहां 2025 में घरेलू टैरिफ इस प्रकार हैं:

  • 0-200 यूनिट तक: मुफ्त (दिल्ली सरकार की सब्सिडी नीति)
  • 201-400 यूनिट: ₹4.50 प्रति यूनिट (PPAC के साथ ₹4.07)

फिक्स्ड चार्ज

अगर खपत 200 यूनिट से कम रहती है, तो बिल पूरी तरह माफ हो जाता है. लेकिन 200 यूनिट से ऊपर खपत होने पर पूरा बिल वसूला जाता है.

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दिल्ली बनाम यूपी

एक ही पंखा और एसी चलाने पर 267 यूनिट खपत होती है. अब दिल्ली में इसका अनुमानित बिल कुछ यूं होगा:

  • पहले 200 यूनिट: ₹0
  • अगले 67 यूनिट × ₹4.50 = ₹301.50
  • फिक्स्ड चार्ज: ₹150
  • कुल बिल: ₹301.50 + ₹150 = ₹451.50 (बिना PPAC गिनती के)

जबकि यूपी में वही खपत पर बिल है ₹1828.62, यानी दिल्ली के मुकाबले 1377 रुपये ज्यादा, जो लगभग 30-38% ज्यादा है.

एनसीआर में कहां सस्ती है बिजली?

  • शहर खपत (267 यूनिट) अनुमानित बिजली बिल
  • दिल्ली 267 यूनिट ₹451.50
  • नोएडा/गाजियाबाद 267 यूनिट ₹1828.62
  • अंतर — ₹1377.12 (30-38% ज्यादा)

दिल्ली सरकार की सब्सिडी यूपी पर भारी

दिल्ली में बिजली सब्सिडी नीति ने उसे सस्ती बिजली देने वाला राज्य बना दिया है. वहीं, यूपी में बिजली की दरें अधिक, FPPCA शुल्क, और TOD सरचार्ज जैसी व्यवस्थाओं के चलते आम उपभोक्ता पर अधिक बोझ पड़ता है.

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यूपी वालों को कैसे मिल सकती है राहत?

अगर यूपी सरकार दिल्ली की तर्ज पर सब्सिडी योजना लाती है, या बिजली दरों में कटौती करती है, तो लाखों उपभोक्ताओं को गर्मी में राहत मिल सकती है. खासकर गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे तेजी से बढ़ते शहरी इलाकों में यह बदलाव आवश्यक होता जा रहा है.

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