Sainik School Fee Structure: सैनिक स्कूल देश के सबसे प्रतिष्ठित सरकारी स्कूलों में शामिल हैं, जहां बच्चों को शिक्षा के साथ अनुशासन और राष्ट्रसेवा की भावना दी जाती है. यही वजह है कि हर साल लाखों अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला इन स्कूलों में कराने का सपना देखते हैं. लेकिन यहां एडमिशन पाना आसान नहीं होता. इसके लिए पहले AISSEE (ऑल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेंस एग्जाम) पास करना होता है और फिर नियमों के अनुसार फीस का भुगतान करना होता है.
कौन करता है सैनिक स्कूल की फीस तय?
देशभर में फिलहाल कुल 33 सैनिक स्कूल हैं जिनका संचालन सैनिक स्कूल सोसाइटी करती है. यह संस्था रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करती है और हर स्कूल की फीस इसी संस्था द्वारा निर्धारित की जाती है.
अगर आपको किसी सैनिक स्कूल की फीस, प्रक्रिया या नियमों की जानकारी चाहिए, तो आप सैनिक स्कूल सोसाइटी की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं.
दो भागों में होता है फीस भुगतान
सैनिक स्कूल में पढ़ाई की फीस को दो हिस्सों में जमा किया जा सकता है:
- पहला भाग: एडमिशन के समय
- दूसरा भाग: एडमिशन के 6 महीने बाद
हर साल एडमिशन के दौरान ही अद्यतन फीस स्ट्रक्चर भी जारी किया जाता है. इसके अलावा, हर साल ट्यूशन फीस में लगभग 10% की वृद्धि भी की जाती है.
सैनिक स्कूल की औसत फीस कितनी होती है?
वर्तमान में सैनिक स्कूल की ट्यूशन फीस आमतौर पर 1,25,000 से 1,50,000 रुपये प्रति वर्ष के बीच होती है. हालांकि कुछ स्कूलों में यह 1.50 लाख से 2 लाख रुपये तक भी हो सकती है.
साथ ही, AISSEE एग्जाम के लिए आवेदन करते समय भी एक निश्चित रजिस्ट्रेशन फीस जमा करनी होती है, जो वर्ग और श्रेणी के अनुसार बदल सकती है.
फीस से जुड़े महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश
हर साल 10% फीस बढ़ोतरी का नियम सैनिक स्कूल सोसाइटी और रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किया गया है.
AISSEE परीक्षा में पास होने के बाद, चयनित छात्रों को फीस भुगतान की प्रक्रिया ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यम से उपलब्ध होती है.
फीस जमा करने के लिए बैंक विवरण संबंधित स्कूल की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराए जाते हैं.
सामान्य वर्ग और SC/ST वर्ग के छात्रों के लिए कुछ स्कूलों में फीस में थोड़ा अंतर हो सकता है.
क्या फीस के लिए किसी प्रकार की सहायता मिलती है?
कुछ राज्यों या केंद्र सरकार की तरफ से छात्रवृत्ति योजनाएं (Scholarships) भी चलाई जाती हैं, जिनके तहत सैनिक स्कूल में पढ़ रहे छात्रों को वित्तीय सहायता दी जाती है. इसके लिए संबंधित स्कूल या राज्य शिक्षा विभाग से संपर्क करना होता है.