Electricity Demand 2025: देश के कई हिस्सों में पड़ रही भीषण गर्मी ने बिजली की मांग को इस साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया है. सोमवार को पीक ऑवर में बिजली की मांग 2.41 लाख मेगावाट तक दर्ज की गई. इसके बावजूद देश के किसी भी हिस्से से बिजली आपूर्ति में कोई रुकावट या कटौती की खबर नहीं आई. यह संकेत है कि सरकार की बिजली आपूर्ति प्रणाली पहले से कहीं अधिक मजबूत और सक्षम हो चुकी है.
बिजली की मांग-आपूर्ति में अब महज 0.1% का अंतर
बिजली मंत्री मनोहर लाल ने जानकारी दी कि मौजूदा समय में बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच सिर्फ 0.1 प्रतिशत का अंतर रह गया है. जबकि वर्ष 2013 में यह अंतर 4.2 प्रतिशत हुआ करता था. उनका दावा है कि यदि पीक ऑवर डिमांड 2.70 लाख मेगावाट तक भी पहुंच जाए. तब भी भारत उसे पूरा करने की स्थिति में है.
पिछली गर्मियों से कम रही अब तक की पीक डिमांड
हालांकि इस साल की अधिकतम मांग अभी पिछले साल के रिकॉर्ड 2.50 लाख मेगावाट से नीचे है. इसका कारण है कि मई महीने में अपेक्षा से कम गर्मी पड़ी. जिससे बिजली की खपत थोड़ी सीमित रही. फिर भी केंद्रीय बिजली आयोग का अनुमान है कि जल्द ही यह मांग 2.70 लाख मेगावाट तक पहुंच सकती है और इसके लिए रेल और कोयला लॉजिस्टिक्स से लेकर उत्पादन तक सब कुछ तैयार किया गया है.
भारत जल्द बनेगा बिजली निर्यातक देश: बिजली मंत्री
तीसरी बार केंद्र में बनी मोदी सरकार की पहली वर्षगांठ पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिजली मंत्री ने ऐलान किया कि भारत जल्द ही बिजली निर्यातक देश बनने की दिशा में अग्रसर है. उन्होंने बताया कि भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 4.72 लाख मेगावाट तक पहुंच गई है. जिसमें से 2.40 लाख मेगावाट ताप विद्युत और 2.22 लाख मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा से है.
2025 तक नवीकरणीय ऊर्जा बनेगी प्रमुख स्रोत
मंत्री के मुताबिक दिसंबर 2025 तक नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता 2.50 लाख मेगावाट हो जाएगी. इसके साथ ही भारत उन देशों की सूची में शामिल हो जाएगा जहां ताप विद्युत से अधिक उत्पादन रिन्यूएबल एनर्जी से होगा. यह कदम भारत की हरित ऊर्जा नीति को मजबूती देने वाला है.
बिजली कटौती पर मंत्रालय का स्पष्टीकरण
जब अधिकारियों से यह सवाल पूछा गया कि अगर उत्पादन और आपूर्ति पर्याप्त है तो कई राज्यों में बिजली कटौती क्यों हो रही है, तो उन्होंने जवाब दिया कि ये स्थानीय कारणों या राज्यों की खरीद नीति से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी राज्य इस कारण बिजली से वंचित नहीं है कि उसे सप्लाई नहीं मिली.
गर्मियों में बिजली संकट से निपटने की तैयारी
बिजली मंत्री ने बताया कि गर्मियों में बढ़ती मांग से निपटने के लिए सरकार ने कई स्तरों पर तैयारी की है. इनमें अतिरिक्त उत्पादन, बैकअप व्यवस्था, ग्रिड सुधार और रिन्यूएबल स्रोतों से अधिक आपूर्ति जैसी योजनाएं शामिल हैं.
स्मार्ट मीटर से बढ़ेगी निगरानी और पारदर्शिता
मंत्री ने बताया कि सरकार प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने पर तेजी से काम कर रही है.
- हर दिन 1 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं.
- 19 करोड़ उपभोक्ताओं तक यह मीटर पहुंचाना लक्ष्य है.
- देश में कुल 50 से 60 करोड़ स्मार्ट मीटर की आवश्यकता है.
- इनमें से 34 करोड़ मीटर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए होंगे. बाकी वाणिज्यिक और संस्थागत उपयोग के लिए.
सरकारी इमारतों में अगस्त तक और बड़े उपभोक्ताओं को दिसंबर तक स्मार्ट मीटर
सरकार ने निर्णय लिया है कि अगस्त 2025 तक सभी सरकारी भवनों में और दिसंबर 2025 तक सभी बड़े बिजली उपभोक्ताओं को प्रीपेड स्मार्ट मीटर से जोड़ा जाएगा. इससे बिलिंग में पारदर्शिता, बिजली चोरी में कमी और उपयोग पर निगरानी की सुविधा मिलेगी.