Bihar Mausam Update: बिहार में भीषण गर्मी का दौर अगले दो दिनों तक जारी रहने वाला है. राज्य के अधिकांश हिस्सों में तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी का पूर्वानुमान है. उमस भरी हवाओं और तीखी धूप के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि 11 जून से मानसून के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनने की संभावना है, जबकि 13 से 15 जून के बीच मानसून के आगमन की उम्मीद की जा रही है.
मानसून समय पर पहुंच सकता है बिहार, सामान्य से ज्यादा बारिश का अनुमान
मौसम विभाग ने इस बार बिहार में मानसून की बारिश सामान्य से 11% अधिक रहने की संभावना जताई है. अगर ऐसा होता है, तो यह वर्ष 2021 के बाद पहली बार होगा जब राज्य में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की जाएगी. 2023 में मानसून 12 जून को ही पहुंच गया था, लेकिन 23% कम बारिश हुई थी. वहीं, 2020 से 2022 के बीच मानसून ने 13 जून को दस्तक दी थी.
मानसून की राह में पश्चिमी हवाओं ने डाला ब्रेक
इस बार मानसून की शुरुआत केरल में 8 दिन पहले हो गई थी और यह तेजी से आगे बढ़ रहा था. लेकिन पछुआ हवाओं के प्रभाव के कारण यह बिहार में समय से पहले पहुंच नहीं सका. 29 मई से मानसून पश्चिम बंगाल और सिक्किम के उत्तरी हिस्सों में ठहरा हुआ है. वहां भी मानसून 10 जून तक पहुंचने की संभावना थी, लेकिन अब तक ठहराव बना हुआ है.
पटना समेत सात शहरों में 40 डिग्री से ऊपर गया तापमान
बिहार के पटना, डेहरी, गोपालगंज, औरंगाबाद, आरा, गया और विक्रमगंज जैसे सात शहरों में रविवार को अधिकतम तापमान 40 डिग्री या उससे अधिक दर्ज किया गया. डेहरी और गोपालगंज में तापमान 40.8 डिग्री, औरंगाबाद में 40.5, आरा में 40.4, गया और विक्रमगंज में 40.2 डिग्री, जबकि पटना में 40 डिग्री सेल्सियस रहा.
बढ़ी आर्द्रता से और बिगड़ा मौसम का मिजाज
तापमान के साथ-साथ आर्द्रता की मात्रा 59% तक पहुंच गई, जिससे लोगों को अत्यधिक उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ा. मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले दो से तीन दिनों तक यही स्थिति बनी रहेगी और गर्मी से राहत की उम्मीद नहीं है.
आंशिक राहत की उम्मीद
मौसम विभाग ने बताया है कि 2-3 दिन बाद राज्य के कुछ हिस्सों में गरज-चमक, तेज हवा और बारिश की संभावना है. इससे आंशिक राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि बादल छाने से सूरज की तपिश में कमी आएगी और तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है.
मानसून की एंट्री
बिहार में हर साल की तरह मानसून उत्तर-पूर्वी हिस्से किशनगंज से प्रवेश करता है. इस बार भी यही रूट संभावित है. 12 जून को उत्तर-पूर्वी बिहार के अधिकांश इलाकों में और कुछ उत्तर-मध्य जिलों में बारिश की चेतावनी जारी की गई है.
मानसून देरी से पहुंचा तो हो सकती है फसलों को क्षति
अगर मानसून और अधिक विलंब करता है, तो इसका असर खेती-बाड़ी और धान की रोपाई पर पड़ सकता है. ऐसे में किसानों को समय पर वर्षा न होने से भूमि की तैयारी और बुवाई में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.