इस तारीख से फिर सक्रिय होगा मानसून, जाने किन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल Monsoon forecast

Monsoon Forecast: दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने इस साल उम्मीद से 8 दिन पहले यानी 24 मई को केरल में दस्तक दी थी, लेकिन 29 मई के बाद से इसकी गति थम गई है. अब मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 12 जून के बाद मॉनसून फिर से रफ्तार पकड़ सकता है. हालांकि, इसके लिए अभी एक सप्ताह तक और इंतजार करना पड़ सकता है.

बंगाल की खाड़ी में बन सकता है नया सिस्टम

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी में 12-13 जून के बीच एक नया वेदर सिस्टम विकसित हो सकता है.

हालांकि, मॉडल्स में एकरूपता नहीं होने की वजह से IMD इस पर पूरी तरह आश्वस्त नहीं है. कुछ मॉडल इसकी पुष्टि कर रहे हैं, जबकि कुछ नहीं. इसी कारण से इस सिस्टम को फिलहाल आधिकारिक पूर्वानुमान में शामिल नहीं किया गया है.

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12 जून से 18 जून के बीच फिर सक्रिय होगा मॉनसून

IMD के पूर्वानुमान से संकेत मिलते हैं कि 12 से 18 जून के बीच मॉनसून मध्य भारत और पूर्वी भारत के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ सकता है.

इस दौरान महाराष्ट्र, मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में अच्छी बारिश की संभावना जताई जा रही है. अधिकारी के अनुसार, मॉनसून की आगे की गति बारिश की तीव्रता और मॉनसूनी हवाओं की मजबूती पर निर्भर करेगी.

दक्षिण भारत में हो सकती है सामान्य से अधिक बारिश

  • पूर्वानुमानों के मुताबिक:
  • दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में इस दौरान बारिश सामान्य से अधिक हो सकती है.
  • मध्य भारत के हिस्सों में बारिश सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक रहने की संभावना है.
  • जबकि उत्तर-पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश होने के संकेत हैं.
  • यह असंतुलन खेती और जल संसाधन पर प्रभाव डाल सकता है, इसलिए कृषि और जलवायु विशेषज्ञ भी इस पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं.

स्काईमेट ने भी दी चेतावनी, 10 जून तक बन सकता है साइक्लोनिक सर्कुलेशन

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मौसम एजेंसी स्काईमेट वेदर ने बताया है कि 10 जून तक बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य हिस्से में एक चक्रवाती सर्कुलेशन बन सकता है.

इस सिस्टम को पूरी तरह विकसित होने में 48 घंटे और लगेंगे. स्काईमेट के अध्यक्ष जीपी शर्मा ने कहा कि यह सिस्टम 11 जून से तटीय क्षेत्रों में मौसम गतिविधियों को फिर से सक्रिय कर सकता है.

12 से 17 जून तक फिर पकड़ सकता है रफ्तार

स्काईमेट वेदर का अनुमान है कि मॉनसून 12 से 17 जून के बीच फिर से सक्रिय हो सकता है. इसका असर विशेष रूप से दक्षिण भारत, महाराष्ट्र और मध्य भारत के हिस्सों में देखने को मिलेगा.

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हालांकि, यह भी स्पष्ट किया गया है कि मॉनसून की रफ्तार और दिशा पूरी तरह से समुद्र में बनने वाले सिस्टम की स्थिति पर निर्भर करेगी.

सामान्य बारिश से कम की आशंका बनी हुई है

  • हालांकि IMD और स्काईमेट दोनों का मानना है कि जून के दूसरे सप्ताह से मॉनसून में गति आएगी, लेकिन उत्तर और पूर्वी भारत में सामान्य से कम बारिश की संभावना बनी हुई है.
  • इस स्थिति से सिंचाई पर निर्भर किसानों के लिए चिंता का विषय उत्पन्न हो सकता है.

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