Haryana Mausam Update: हरियाणा में बीते 5 दिनों तक चली तेज बारिश और आंधी के बाद अब मौसम सामान्य होता नजर आ रहा है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) और हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार मानसून अपने निर्धारित समय पर ही राज्य में प्रवेश करेगा.
कब से हरियाणा में पहुंचेगा मानसून? जानिए तारीख
मौसम विभाग का अनुमान है कि मानसून 28 जून से हरियाणा में दस्तक देगा और 3 जुलाई तक पूरे राज्य में फैल जाएगा. विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून तीन दिशाओं—दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड—से हरियाणा में प्रवेश कर सकता है. इसका निर्धारण मुख्य रूप से हवा की दिशा पर निर्भर करता है.
मई में टूटा 17 साल पुराना रिकॉर्ड
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस साल प्री-मानसून बारिश ने पिछले 17 वर्षों के रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं. मई में हुई रिकॉर्डतोड़ बारिश को आगामी मानसून के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है.
मानसून रहेगा सामान्य से बेहतर
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ ने जानकारी दी कि इस बार मानसून के सामान्य से बेहतर रहने की संभावना है. यह कृषि आधारित राज्य के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है.
मानसून की दिशा पर निर्भर करेगा हरियाणा में प्रवेश
डॉ. खीचड़ के मुताबिक, मानसून के हरियाणा में आने की दिशा तीन संभावित क्षेत्रों से हो सकती है—उत्तर की ओर से उत्तराखंड, पश्चिम की ओर से राजस्थान और दक्षिण-पूर्व की ओर से दिल्ली. यह तय करेगा कि राज्य के किन हिस्सों में पहले बारिश शुरू होगी.
पूर्वोत्तर में सक्रिय है मानसून
हालांकि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून सक्रिय हो चुका है, लेकिन हरियाणा में इसके तय समय से पहले आने की कोई संभावना नहीं है. विभाग के अनुसार, यह बदलाव जलवायु स्थितियों के सामान्य रहने का संकेत है.
किसान समुदाय के लिए क्या है असर?
मानसून के समय पर आने की पुष्टि किसानों के लिए बुवाई की योजना तय करने में सहायक साबित होगी. विशेष रूप से धान, कपास और बाजरे जैसी फसलों की बुवाई मानसून पर निर्भर रहती है.
मानसून को लेकर कैसी है अब तक की तस्वीर?
पिछले 17 सालों में मई जैसी जोरदार बारिश नहीं देखी गई थी, जिससे किसानों और मौसम वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस साल का मानसून अनुकूल और व्यापक होगा.
आगे क्या करें आम लोग और किसान?
हालांकि मौसम विभाग ने सकारात्मक संकेत दिए हैं, फिर भी आम जनता और किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि वे ताजा मौसम अपडेट्स पर नजर बनाए रखें और आवश्यक कृषि तथा दैनिक गतिविधियों की योजना accordingly बनाएं.