Namho Bharat Train: देश का पहला रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर अब पूरी तरह से ऑपरेशनल होने की कगार पर है. वर्तमान में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर कुल 55 किलोमीटर के हिस्से में नमो भारत ट्रेन चल रही है, जिसने सफर को आसान ही नहीं, बल्कि रियल एस्टेट बाजार को भी एक नई रफ्तार दी है.
इस हाई-स्पीड ट्रेन से अब दिल्ली से मेरठ की दूरी एक घंटे से भी कम में तय की जा सकती है, जिसका असर जमीन के दामों पर भी साफ दिखने लगा है.
2 साल में जमीन के दामों में 67% तक उछाल
अक्टूबर 2023 में नमो भारत ट्रेन के शुरू होने के बाद से अब तक इस कॉरिडोर के आसपास की प्रॉपर्टी की कीमतों में 30% से लेकर 67% तक की वृद्धि दर्ज की गई है. मेरठ को इस परियोजना से सबसे अधिक लाभ मिला है. यहां जमीन के दाम ₹8,000–12,000 प्रति वर्ग गज से बढ़कर ₹12,000–20,000 प्रति वर्ग गज तक पहुंच गए हैं.
नमो भारत ट्रेन स्टेशनों के 2 किलोमीटर के दायरे में आने वाली प्रॉपर्टी की कीमतों में दो साल में करीब 50 फीसदी तक का इजाफा देखा गया है.
बेहतर कनेक्टिविटी ने बढ़ाई रियल एस्टेट की मांग
दिल्ली से मेरठ की बेहतर कनेक्टिविटी और यातायात व्यवस्था में सुधार ने रियल एस्टेट सेक्टर को नई ऊर्जा दी है. इस कॉरिडोर के आसपास के इलाकों में प्लॉटेड हाउसिंग, गेटेड सोसाइटीज़, और मिड-राइज़ अपार्टमेंट्स की मांग में भारी बढ़ोतरी हुई है.
पारस बिल्डटेक के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट प्रीतम मिश्रा का कहना है कि आरआरटीएस से जुड़े इलाकों में प्रॉपर्टी रेट्स में 40% तक का उछाल आया है और यह सिर्फ अस्थायी तेजी नहीं बल्कि स्थायी वृद्धि का संकेत है.
TOD और पॉलीसेंट्रिक डेवलपमेंट को मिल रहा बढ़ावा
एनसीआरटीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर शलभ गोयल के अनुसार, इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य एनसीआर क्षेत्र में पॉलीसेंट्रिक डेवलपमेंट को प्रोत्साहन देना है. साथ ही, ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) के तहत बेहतर रहने योग्य शहरों का निर्माण भी किया जा रहा है.
मेरठ विकास प्राधिकरण ने अपने 2031 मास्टर प्लान में 3,273 हेक्टेयर भूमि TOD के लिए रिजर्व की है. इसमें से 2,442 हेक्टेयर को TOD जोन और स्पेशल डेवलपमेंट रीजन के रूप में चिह्नित किया गया है, जहां RRTS और मेरठ मेट्रो दोनों सेवाएं उपलब्ध होंगी.
वाणिज्यिक संपत्तियों की डिमांड भी तेज
RRTS के आने से आवासीय के साथ-साथ वाणिज्यिक प्रॉपर्टी की मांग में भी तेजी देखी गई है. इंटीग्रेटेड टाउनशिप, स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा केंद्र ट्रांजिट हब्स के पास विकसित किए जा रहे हैं.
अल्फा कॉर्प के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर संतोष अग्रवाल का कहना है कि, “एनसीआर के अन्य हिस्सों की तुलना में सस्ती ज़मीन, बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर और बढ़ती मांग ने गाजियाबाद और मेरठ को व्यावसायिक निवेश, टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स और पेशेवरों के लिए आदर्श स्थान बना दिया है.”
आगे क्या हो सकता है असर?
विशेषज्ञ मानते हैं कि जैसे-जैसे पूरा RRTS नेटवर्क चालू होगा, वैसे-वैसे अन्य शहरों में भी प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ेंगी. इससे न केवल रियल एस्टेट सेक्टर में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि लोगों की जीवनशैली और कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी.