हाइवे पर जितने KM चलोगे उतना ही लगेगा टोल टैक्स, सरकार ला रही है नई टोल पॉलिसी New Toll Policy 2025

New Toll Policy 2025: केंद्र सरकार जल्द ही देशभर में एक नई टोल नीति लागू करने जा रही है. जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने वाले करोड़ों लोगों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने की उम्मीद है. सूत्रों के मुताबिक यह नई नीति अगले एक या दो हफ्तों में लागू की जा सकती है. इस नीति का उद्देश्य टोल वसूली प्रणाली को पारदर्शी, डिजिटल और उपभोक्ता के अनुकूल बनाना है. जिससे सफर आसान और किफायती हो सके.

अब जितनी दूरी तय, उतना ही टोल शुल्क

नई टोल पॉलिसी के तहत सबसे बड़ा बदलाव यह है कि वाहन चालकों से उतना ही टोल वसूला जाएगा. जितनी दूरी उन्होंने हाईवे पर तय की है. अभी तक टोल वसूली एक फिक्स्ड स्लैब पर आधारित थी. जिसमें यात्रियों को थोड़ी सी दूरी तय करने पर भी पूरे टोल की राशि चुकानी पड़ती थी. लेकिन नई व्यवस्था के बाद यदि कोई व्यक्ति सिर्फ 10 किलोमीटर की यात्रा करता है, तो उससे उसी अनुपात में टोल शुल्क वसूला जाएगा.

अत्याधुनिक तकनीक से होगी टोल वसूली

सरकार इस नई प्रणाली को लागू करने के लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रेकग्निशन (ANPR) और फास्टैग जैसी आधुनिक तकनीकों का सहारा लेगी. हर टोल प्लाजा पर हाई-रिज़ोल्यूशन कैमरे लगाए जाएंगे, जो वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे. इसके बाद, फास्टैग से जुड़े बैंक अकाउंट से स्वतः टोल राशि काट ली जाएगी. इस व्यवस्था से न केवल टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता खत्म होगी. बल्कि लंबी कतारों और ट्रैफिक जाम की समस्या से भी राहत मिलेगी.

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टोल चोरी और फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक

नई तकनीक से न केवल सुविधा बढ़ेगी. बल्कि टोल चोरी, फर्जी वाहनों और डुप्लीकेट नंबर प्लेट जैसी समस्याओं पर भी लगाम लगेगी. ANPR तकनीक हर वाहन को ट्रैक करने में सक्षम होगी. जिससे कोई वाहन बिना टोल दिए बच नहीं सकेगा. यह प्रणाली ट्रांसपेरेंसी और डिजिटल निगरानी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.

पारदर्शिता और उपभोक्ता हित में बड़ा बदलाव

नई टोल पॉलिसी को वास्तविक समय की ट्रैकिंग, डिजिटल भुगतान, और डिस्प्यूट-फ्री सिस्टम की दृष्टि से एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. चूंकि टोल शुल्क अब डायरेक्ट बैंक खाते से कटेगा. इससे कैश हैंडलिंग की जरूरत खत्म हो जाएगी और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या विवाद की संभावना भी नहीं रहेगी.

बार-बार रुकने की झंझट खत्म

फास्टैग के साथ काम करने वाली यह नई तकनीक वाहन चालकों को हाईवे पर बिना रुके यात्रा करने में सक्षम बनाएगी. यह सिस्टम खासकर उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होगा जो डेली कम्यूट करते हैं और छोटे रूट पर भी फुल टोल चुकाने को मजबूर होते हैं. अब उन्हें केवल यात्रा की वास्तविक दूरी के हिसाब से भुगतान करना होगा.

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समय, ईंधन और पैसे की बचत

नई टोल नीति से ट्रैफिक जाम में कमी, ईंधन की बचत और यात्रा समय में कटौती होगी. इससे न केवल आम नागरिकों को फायदा होगा. बल्कि लॉजिस्टिक्स और परिवहन कंपनियों की लागत भी कम होगी. सरकार का अनुमान है कि इससे परिवहन व्यवस्था तेज़, आधुनिक और किफायती बनेगी. जिसका व्यापक असर देश की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर भी पड़ेगा.

राष्ट्रीय राजमार्गों पर अनुभव होगा बेहतर

नई टोल नीति के लागू होने के बाद राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करना पहले से कहीं ज्यादा आसान और कम खर्चीला हो जाएगा. सरकार ने यह कदम डिजिटल इंडिया और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत उठाया है. जिससे भारत में परिवहन को ग्लोबल स्टैंडर्ड के अनुरूप बनाया जा सके.

टोल नीति के मुख्य फायदे

  • ट्रैफिक जाम में कमी और समय की बचत
  • डिस्टेंस-बेस्ड टोल प्रणाली
  • कैशलेस और स्वचालित टोल कलेक्शन
  • टोल चोरी पर प्रभावी नियंत्रण
  • फास्टैग और ANPR तकनीक का समन्वय

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