LPG gas cylinder भारत में एलपीजी (Liquefied Petroleum Gas) का इस्तेमाल अब केवल रसोई तक सीमित नहीं रहा. यह अब घरेलू, व्यावसायिक, औद्योगिक और वाहन क्षेत्रों में भी सक्रिय रूप से उपयोग हो रहा है. एलपीजी एक मिश्रण होती है प्रोपेन और ब्यूटेन गैसों का, जिसे उच्च दबाव और कम तापमान में तरल रूप में रखा जाता है. इसके उपयोग से जहां रसोई का काम आसान होता है, वहीं यह स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद है.
सरकार की पहल
केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को स्वच्छ और सुरक्षित ईंधन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) की शुरुआत की. इस योजना के तहत ₹450 प्रति सिलेंडर की सब्सिडी दी जा रही है. योजना का मकसद है कि लकड़ी, उपले जैसे पारंपरिक ईंधनों से दूरी बनाकर महिलाएं एलपीजी का सुरक्षित उपयोग करें.
उज्ज्वला योजना की मुख्य विशेषताएं
योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं को गैस कनेक्शन और सिलेंडर पर सब्सिडी दी जाती है.
- राजस्थान राज्य में यह योजना 1 अप्रैल 2023 से पूरी तरह लागू की गई है.
- खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग को योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी दी गई है.
योजना की सफलता के आंकड़े (2025 तक)
देशभर में 10.30 करोड़ से ज्यादा एलपीजी कनेक्शन उज्ज्वला योजना के माध्यम से दिए जा चुके हैं.
- इनमें से लगभग 9 करोड़ परिवार नियमित रूप से गैस रिफिल करवा रहे हैं.
- ये आंकड़े योजना की विस्तृत पहुंच और प्रभावशीलता को दर्शाते हैं.
एलपीजी सिलेंडर के प्रकार
- घरेलू सिलेंडर: 14.2 किलोग्राम का होता है और आमतौर पर रसोई में उपयोग किया जाता है.
- व्यावसायिक सिलेंडर: 19 किलोग्राम का होता है और होटल, रेस्टोरेंट, ढाबों आदि में इस्तेमाल होता है.
पात्रता की शर्तें
इस योजना का लाभ वे महिलाएं ले सकती हैं जो निम्नलिखित श्रेणियों में आती हैं:
- गरीबी रेखा से नीचे (BPL)
- अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS)
- अनुसूचित जाति और जनजाति (SC/ST)
आवश्यक दस्तावेज
उज्ज्वला योजना के लिए आवेदन करने हेतु महिला आवेदक को ये दस्तावेज देने होंगे:
- जन आधार कार्ड या भामाशाह कार्ड
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक
- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर
- गैस कनेक्शन पासबुक (यदि पहले से है)
महत्वपूर्ण: जन आधार या भामाशाह कार्ड का बैंक खाते से लिंक होना जरूरी है ताकि सब्सिडी सीधे ट्रांसफर हो सके.
सब्सिडी प्रक्रिया और वितरण प्रणाली
- ₹450 की सब्सिडी केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक सिलेंडर पर दी जा रही है.
- यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से लाभार्थी के खाते में जमा होती है.
- उपभोक्ता को पहले पूरा पैसा देना होता है, बाद में सब्सिडी बैंक खाते में वापस आती है.
ई-केवाईसी अनिवार्यता
अगर आपकी एलपीजी आईडी जन आधार/भामाशाह कार्ड से लिंक नहीं है, तो ई-केवाईसी जरूरी है. इसके लिए आप इन स्थानों पर जा सकते हैं:
- निकटतम ई-मित्र केंद्र
- गैस एजेंसी (डीलर)
- साइबर कैफे
- प्रक्रिया के दौरान मोबाइल OTP के माध्यम से सत्यापन किया जाता है.
योजना के फायदे
- आर्थिक राहत: ₹450 प्रति सिलेंडर की सब्सिडी से परिवारों को खाना पकाने में कम खर्च
- स्वास्थ्य सुरक्षा: धुएं से बचाव के कारण महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार
- पर्यावरण संरक्षण: लकड़ी/कोयले जैसे पारंपरिक ईंधनों की तुलना में कम प्रदूषण
- समय की बचत: ईंधन इकट्ठा करने की मेहनत खत्म
- महिला सशक्तिकरण: घरेलू निर्णयों में भागीदारी बढ़ी
राज्य सरकार की नई घोषणा
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने योजना को और सुदृढ़ करने का ऐलान किया है. इसके अंतर्गत:
- 1 किलोवाट सोलर सिस्टम पर ₹30,000 की सब्सिडी
- 2 किलोवाट पर ₹60,000 और 3 किलोवाट या उससे अधिक पर ₹78,000 तक की सब्सिडी
- बैंक लोन की सुविधा सस्ती ब्याज दर पर
- सौर ऊर्जा से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली बेचकर आमदनी का मौका