Happy Card Scheme: हरियाणा सरकार की हैप्पी कार्ड योजना का उद्देश्य गरीब और ज़रूरतमंद यात्रियों को सस्ती और सुविधा जनक यात्रा सुविधा देना है. लेकिन वर्तमान हालात इस योजना की दुर्दशा को साफ बयां कर रहे हैं. पिछले साल बने हजारों कार्ड अब तक लोगों तक नहीं पहुंच पाए, और बीते 10 महीने से नए कार्ड भी डिपो तक नहीं पहुंचे हैं.
पुराने कार्ड डिपो में अटके
रोडवेज कर्मचारियों ने गांव-गांव जाकर मुनादी करवाई और लोगों से कार्ड लेने की अपील की, लेकिन इसके बावजूद बहुत कम लोग ही डिपो पहुंच रहे हैं. जानकारी के अनुसार, हर दिन औसतन 10-12 लोग ही कार्ड लेने आ रहे हैं, जबकि हजारों कार्ड अभी डिपो में पड़े धूल खा रहे हैं.
प्रक्रिया में देरी
अधिकारियों के अनुसार, अभी भी कई हैप्पी कार्ड मुख्यालय में पेंडिंग हैं. इन्हें फैमिली आईडी और आधार कार्ड से वेरिफाई किया जा रहा है. जांच पूरी होने के बाद ही इन्हें डिपो भेजा जाएगा. लेकिन प्रक्रिया काफी धीमी चल रही है, जिससे कार्ड वितरण में लगातार देरी हो रही है.
जिनके कार्ड बन गए
रोडवेज अधिकारियों का कहना है कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि जिन लोगों के कार्ड तैयार हो चुके हैं, वे लेने के लिए नहीं आ रहे हैं. वहीं, जिनके कार्ड नहीं बने हैं, वे लगातार कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं. इससे डिपो पर भी अव्यवस्था बनी हुई है.
जनता की राय
भिवानी डिपो के महाप्रबंधक दीपक कुंडू ने बताया कि हैप्पी कार्ड योजना से लोग संतुष्ट हैं और उन्हें इसका लाभ मिल रहा है. लेकिन जब तक पेंडिंग कार्ड पूरी तरह से वितरित नहीं होते और नए कार्ड नहीं भेजे जाते, तब तक योजना की पूर्ण सफलता मुश्किल है.
हैप्पी कार्ड धारकों की मांग
स्थानीय निवासियों जैसे डाबर कॉलोनी के सतीश कुमार, बावड़ी गेट के राजेश कुमार, हनुमान गेट के रोहित और राकेश ने बताया कि योजना अच्छी है, लेकिन इसे सिर्फ सरकारी बसों तक सीमित रखना यात्रियों के साथ अन्याय है. इनका सुझाव है कि हैप्पी कार्ड को प्राइवेट और किलोमीटर आधारित बसों में भी मान्यता दी जानी चाहिए.