वंदे भारत से कश्मीर जाने वालों की मौज, धड़ाधड टिकट बुकिंग के कारण लंबी वैटिंग Vande Bharat Route

Vande Bharat Route: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाने के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस का कश्मीर तक पहुंचना भारतीय रेलवे के इतिहास में एक ऐतिहासिक मोड़ बन चुका है. यह ट्रेन जब दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल ‘चिनाब ब्रिज’ से गुजरती है, तो यात्रियों को ऐसा अनुभव होता है मानो वह किसी सपने की यात्रा पर हों. इस यात्रा के प्रति लोगों का उत्साह इतना अधिक है कि अगले 10 दिनों तक की सभी सीटें बुक हो चुकी हैं और लंबी वेटिंग लिस्ट बनी हुई है.

43,000 करोड़ रुपये का इंजीनियरिंग चमत्कार

इस रेल प्रोजेक्ट की लागत करीब 43,000 करोड़ रुपये है. यह केवल एक ट्रेन प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि भारत की इंजीनियरिंग शक्ति का प्रतीक है. चिनाब ब्रिज, जो कि दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल है, और लंबी सुरंगों से होते हुए यह ट्रेन जिस रास्ते पर चलती है, वह तकनीकी रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है.

कश्मीर को देश से जोड़ने की मजबूत कड़ी

अब तक कश्मीर घाटी और बाकी देश के बीच संपर्क का मुख्य जरिया श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) था, जो बर्फबारी या बारिश में बंद हो जाया करता था. लेकिन अब यह रेल संपर्क कश्मीर को बारहमासी संपर्क देने में कामयाब हो रहा है. यह रेलवे लिंक हिमालय की भूगर्भीय और जलवायु संबंधी चुनौतियों को पार कर देश को स्थायी रूप से कश्मीर से जोड़ रहा है.

यह भी पढ़े:
AC Electricity Consumption 1 घंटे में कितनी बिजली खाएगा 1 टन AC, जाने एक महीने का कितना आएगा बिजली बिल AC Electricity Consumption

सीधी ट्रेन नहीं, फिर भी उत्साह चरम पर

हालांकि अभी श्रीनगर से दिल्ली के बीच सीधी वंदे भारत ट्रेन सेवा शुरू नहीं हुई है. यात्रियों को कटरा में ट्रेन बदलनी पड़ती है, लेकिन इसके बावजूद यह सेवा लोगों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं है. कटरा-श्रीनगर रूट पर चलने वाली दो ट्रेनों में हर दिन जबरदस्त भीड़ देखी जा रही है और वेटिंग लिस्ट लगातार लंबी होती जा रही है.

बर्फ या बारिश से नहीं कटेगा संपर्क

पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भी इस रेल सेवा की तारीफ करते हुए कहा कि यह कश्मीर के लिए नई जीवन रेखा बन चुकी है. अब बर्फबारी या बारिश के दौरान भी कश्मीर देश से कट ऑफ नहीं होगा, जो कि पहले NH-44 के बंद होने पर होता था. यह विकास, पर्यटन और सुरक्षा—तीनों दृष्टिकोणों से एक ऐतिहासिक उपलब्धि है.

भारत की तकनीकी ताकत का परिचय

चिनाब नदी पर बना यह पुल 359 मीटर ऊंचा है, जो एफिल टावर से भी ऊंचा है. इसे स्टील आर्च ब्रिज तकनीक से बनाया गया है और इसकी मजबूती इतनी है कि यह भूकंप और तेज हवाओं को भी सहने में सक्षम है. ट्रेन के इस पुल से गुजरने के दौरान जो दृश्य नजर आते हैं, वे किसी एडवेंचर यात्रा से कम नहीं होते.

यह भी पढ़े:
Unclaimed Amount in Bank बैंकों में लावारिस पड़े पैसों पर सरकार का ऐक्शन, वापिस पैसा लौटाने की तैयारी में सरकार Unclaimed Amount in Bank

पर्यटन को मिलेगा बड़ा बढ़ावा

वंदे भारत के जरिए कश्मीर से देश का जुड़ाव केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक तौर पर भी बहुत महत्वपूर्ण है. इससे पर्यटन उद्योग को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी.

Leave a Comment

WhatsApp Group