Haryana Rain Alert: हरियाणा में पिछले दो-तीन दिनों से सक्रिय मानसून ने राज्य के मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल दिया है. 1 जुलाई को जहां सिरसा में अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, वहीं सबसे कम तापमान 28.5 डिग्री सेल्सियस यमुनानगर में रहा.
आज 2 जुलाई की सुबह भी 27 डिग्री तापमान दर्ज किया गया और हवा व नमी जैसे मौसमीय कारकों को मिलाकर तापमान 30°C जैसा महसूस हुआ.
आज 100% बारिश की संभावना
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, हरियाणा में आज बारिश की संभावना पूरी 100% तक है. हवा की गति 7 किमी प्रति घंटे दर्ज की गई है. खासतौर पर अंबाला, पंचकूला और यमुनानगर जिलों में 50-75% तक बरसात होने का अनुमान है. इसके अलावा बाकी 19 जिलों में 25-50% तक बारिश हो सकती है.
मंगलवार को कई जिलों में बारिश और तापमान में गिरावट
1 जुलाई को 9 जिलों—भिवानी, गुरुग्राम, पानीपत, झज्जर, रेवाड़ी, जींद, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी और सोनीपत—में जोरदार बारिश हुई.
मौसम विभाग के अनुसार, इस बार जून महीने में पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना अधिक बारिश दर्ज की गई है. मंगलवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 5.2°C नीचे रहा.
अगले तीन दिनों का अलर्ट
3 जुलाई को 6 जिलों—पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत—में 50-75% बारिश की संभावना है. बाकी जिलों में भी 25-50% तक बरसात का अनुमान है.
4 जुलाई को 9 जिलों में भारी बारिश
4 जुलाई को सिरसा, फतेहाबाद, पंचकूला, यमुनानगर, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी में 50-75% बारिश हो सकती है.
इसके अलावा 13 अन्य जिलों—अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, पलवल, मेवात और फरीदाबाद—में 25-50% बरसात की संभावना है.
5 जुलाई को फिर बदलेगा मौसम
5 जुलाई को 8 जिलों—यमुनानगर, अंबाला, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी—में 50-75% बारिश होने का पूर्वानुमान है.
14 जिलों—पंचकूला, सिरसा, पलवल, मेवात, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, रोहतक, जींद, पानीपत, सोनीपत, करनाल, कैथल और कुरुक्षेत्र—में 25-50% तक वर्षा हो सकती है.
तापमान में रिकॉर्ड गिरावट
मंगलवार को राज्य में अधिकतम तापमान में 0.4 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई. यह सामान्य से 5.2 डिग्री नीचे पहुंच गया. सिरसा राज्य का सबसे गर्म जिला रहा, जहां 35.2 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया.
खेती और जनजीवन पर असर
मानसून की यह सक्रियता कृषि के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, लेकिन भारी बारिश से जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति का खतरा भी बना हुआ है. राज्य सरकार और जिला प्रशासन को चाहिए कि वे संभावित आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार रहें.