Road Accident Cashless Treatment Scheme: अब सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए परिजनों को पैसों की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. केंद्र सरकार ने ‘सड़क दुर्घटना पीड़ित नकदी रहित उपचार योजना 2025’ की अधिसूचना जारी कर दी है. जिसके तहत नामित अस्पतालों में 7 दिन तक डेढ़ लाख रुपये तक का इलाज कैशलेस मिलेगा.
योजना का उद्देश्य
सरकार का उद्देश्य है कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तुरंत इलाज मिले. जिससे उसकी जान बचाई जा सके. इस पहल के माध्यम से सरकार सुलभ और गुणवत्तापूर्ण उपचार उपलब्ध कराने की दिशा में गंभीर दिख रही है. परिवहन सचिव संदीप कुमार आर. पुडकलकट्टी ने बताया कि “सरकार सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को समय पर इलाज देने के लिए प्रतिबद्ध है.”
नामित अस्पतालों में होगा कैशलेस इलाज
योजना के अंतर्गत केवल नामित अस्पतालों में ही कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाएगी. यदि किसी अस्पताल में इलाज की आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, तो वह घायल को तुरंत दूसरे उपयुक्त अस्पताल में रेफर कर सकेगा. इस दौरान एंबुलेंस की व्यवस्था भी अस्पताल द्वारा की जाएगी. ताकि उपचार में किसी प्रकार की देरी न हो.
ट्रॉमा और पाली-ट्रॉमा अस्पताल होंगे शामिल
राज्य सरकार ऐसे अस्पतालों को इस योजना में शामिल करेगी जो ट्रॉमा और पाली-ट्रॉमा जैसी आपात सेवाएं देने में सक्षम हैं. इससे यह सुनिश्चित होगा कि घायल को समय पर विशेषज्ञ देखरेख में इलाज मिल सके. योजना का दायरा पूरे राज्य में फैले अस्पतालों तक बढ़ाया जाएगा.
राज्य सड़क सुरक्षा परिषद बनेगी नोडल एजेंसी
इस योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य सड़क सुरक्षा परिषद को नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया जाएगा. यह एजेंसी योजना से संबंधित संपूर्ण निगरानी, कार्यान्वयन और मूल्यांकन का कार्य करेगी. इसके साथ ही नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) योजना से जुड़े अस्पतालों को नामित करने और उनके बिल के निपटारे के लिए एक पोर्टल तैयार कर रही है.
डिजिटल पोर्टल से होगा पूरा डेटा प्रबंधन
योजना को प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए एक विशेष पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जिसमें:
- घायल व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन, उपचार की जानकारी
- अस्पताल द्वारा प्रस्तुत इलाज का बिल
- और भुगतान की स्थिति जैसी सभी जानकारियां डिजिटल रूप से मौजूद रहेंगी.
इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कोई भी अस्पताल गैर-ज़रूरी देरी या अतिरिक्त बिलिंग न करे.
इलाज के बाद अस्पताल अपलोड करेगा पैकेज लागत
जब घायल व्यक्ति का इलाज पूरा हो जाएगा और उसे छुट्टी मिल जाएगी. तब अस्पताल पोर्टल पर इलाज का पैकेज (यानी खर्च की जानकारी) अपलोड करेगा. इसके बाद राज्य स्वास्थ्य अभिकरण सभी दस्तावेजों के साथ भुगतान के लिए दावा प्रस्तुत करेगा. दस्तावेजों की जांच के बाद अस्पताल को सीधे सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा. यह प्रक्रिया तेजी और पारदर्शिता से भुगतान सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन की गई है.
बिहार सरकार भी योजना को राज्य में लागू करने को तैयार
बिहार सरकार का परिवहन विभाग योजना को राज्य में लागू करने की प्रक्रिया में तेजी से जुटा हुआ है. विभिन्न जिलों और अस्पतालों को इस योजना से जोड़ने की तैयारी की जा रही है. ताकि राज्य के नागरिकों को भी समय पर इलाज का लाभ मिल सके.