Holiday Cancelled: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से आम जनता के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. राज्य सरकार ने अब एक बड़ा निर्णय लेते हुए शनिवार की छुट्टी को खत्म कर दिया है. इसका मतलब है कि अब सरकारी कर्मचारी हफ्ते में 5 की जगह 6 दिन काम करेंगे. रविवार को अवकाश यथावत रहेगा, लेकिन शनिवार को सभी सरकारी विभागों में नियमित कार्य होंगे.
GAD ने तैयार की रिपोर्ट, सरकार को भेजी सिफारिश
राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग (General Administration Department – GAD) ने इस बदलाव के पीछे का तर्क और योजना स्पष्ट करते हुए एक रिपोर्ट सरकार को भेजी है. इस रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि अगर शनिवार को भी कार्यालय खुले रहें, तो इससे जनसेवाओं की गति तेज होगी और दस्तावेजी कार्य, फाइलों के निपटारे और योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी.
GAD का मानना है कि छह कार्य दिवसों से सरकारी मशीनरी ज्यादा प्रभावी और जवाबदेह बन पाएगी.
कुछ विभागों में पहले से लागू है यह व्यवस्था
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग और मंत्रालय में शनिवार को पहले से ही कामकाज चलता है. इन विभागों में लंबे समय से यह प्रावधान लागू है, जहां सप्ताह में छह दिन काम होता है. अब यही व्यवस्था अन्य सभी सरकारी विभागों में भी लागू की जा रही है.
इसका सीधा असर सामान्य कर्मचारियों से लेकर कार्यालयों की कार्यप्रणाली तक पड़ेगा. इससे प्रशासनिक प्रक्रिया में गति लाने की उम्मीद की जा रही है.
जनता को होगा सीधा लाभ
सरकार का स्पष्ट कहना है कि यह फैसला जनहित में लिया गया है. अक्सर सप्ताहांत के कारण सरकारी कार्यों में देरी हो जाती थी. अब जब कार्यालय सप्ताह में छह दिन खुलेंगे, तो जन शिकायतों का समाधान, दस्तावेज़ संबंधित प्रक्रियाएं और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से जुड़ी कार्रवाई अधिक तेजी से पूरी हो सकेगी.
खासकर वे लोग जो व्यस्तता के चलते सोमवार से शुक्रवार के बीच दफ्तर नहीं जा पाते, उन्हें शनिवार को अब एक अतिरिक्त दिन मिलेगा जब वे अपने कार्य करा सकेंगे.
सरकार की मंशा
राज्य सरकार का यह भी मानना है कि शनिवार को काम होने से कार्यालयों में पेंडिंग फाइलों का दबाव घटेगा, और कर्मचारियों में कार्य के प्रति अधिक अनुशासन और प्रतिबद्धता विकसित होगी. इससे प्रशासनिक ढांचे में पारदर्शिता और जिम्मेदारी भी बढ़ेगी.
कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया का इंतजार
हालांकि अभी तक कर्मचारी संगठनों की ओर से औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों का मानना है कि इस निर्णय पर कुछ नाराजगी भी हो सकती है. फिर भी सरकार यह मानती है कि यह लंबे समय में कर्मचारियों और जनता दोनों के हित में साबित होगा.
इस फैसले से जुड़े अन्य राज्य भी ले सकते हैं प्रेरणा
छत्तीसगढ़ का यह निर्णय अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल बन सकता है. जहां प्रशासन की गति और जवाबदेही को बेहतर बनाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है, वहां भी ऐसी व्यवस्था पर विचार हो सकता है.