हरियाणा की सड़कों पर नही दिखेंगे बेसहारा पशु, सख्त कार्रवाई के आदेश जारी Open Cattle Ban

Open Cattle Ban: हरियाणा सरकार ने एक सख्त फैसला लेते हुए स्पष्ट कर दिया है कि पालतू गाय-बैलों को सड़कों पर खुला छोड़ना अब अपराध माना जाएगा. यह निर्णय राज्य में बढ़ते सड़क हादसों और जनसुरक्षा के खतरे को देखते हुए लिया गया है. सरकार की मंशा साफ है – अव्यवस्थित गोवंश प्रबंधन पर लगाम कसना और पशुओं के साथ क्रूरता को रोकना.

FIR की चेतावनी

हरियाणा सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि जो लोग अपने पालतू गायों या बैलों को सड़कों पर खुला छोड़ते हैं, उनके खिलाफ अब सीधे FIR दर्ज की जाएगी. यह फैसला ऐसे मामलों में तीव्र और ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है. इससे जनता की सुरक्षा, वाहनों की आवाजाही में सुगमता, और पशुओं के हितों की रक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण पहलुओं को साधा गया है.

3 जिलों में दर्ज हो चुकी हैं कई FIR

सरकार द्वारा दिए गए आदेशों के पालन में गुरुग्राम, हिसार और पंचकूला जिलों में अब तक पशु क्रूरता अधिनियम के तहत आधा दर्जन से अधिक FIR दर्ज की जा चुकी हैं. इन मामलों में गोपालकों द्वारा:

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  • पशुओं को खुला छोड़ना
  • उन्हें समय पर चारा-पानी न देना
  • अमानवीय व्यवहार करना
  • जैसी लापरवाहीपूर्ण हरकतें सामने आईं, जिनकी प्रशासनिक जांच और पुष्टि के बाद कानूनी कार्रवाई की गई है.

तीन स्तर की सजा

राज्य सरकार ने इस मामले में तीन चरणों की सख्त प्रक्रिया तय की है:

  • पहली बार उल्लंघन पर चेतावनी और जुर्माना
  • दूसरी बार उल्लंघन पर बड़ा जुर्माना
  • तीसरी बार उल्लंघन पर सीधी FIR और कानूनी केस
  • यह व्यवस्था गोपालकों को चेतावनी देती है कि अब लापरवाही नहीं चलेगी.

सरकार ने की जनता से अपील

हरियाणा सरकार ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति अपने पालतू गोवंश को सड़कों पर खुला छोड़ता है या उनके साथ अमानवीय व्यवहार करता है, तो उसकी सूचना तुरंत स्थानीय प्रशासन को दें. सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी और दोषी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी.

686 गोशालाओं से हो रहा है गोवंश प्रबंधन

हरियाणा में कुल 686 गोशालाएं संचालित हो रही हैं, जो बेसहारा गोवंश को सुरक्षित आश्रय देने का कार्य कर रही हैं. गौ सेवा आयोग के गठन के बाद सड़कों पर घूमते पशुओं को गोशालाओं में भेजने की प्रक्रिया तेज की गई है.

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शुरुआत में राज्य में 1.5 लाख बेसहारा गोवंश सड़कों पर घूम रहे थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर 30 हजार के आसपास पहुंच चुकी है. यह इस बात का संकेत है कि सरकारी प्रयास असरदार हो रहे हैं.

पशुओं के लिए सरकार का लक्ष्य

हरियाणा सरकार का स्पष्ट मानना है कि पशु केवल अर्थव्यवस्था या श्रद्धा का विषय नहीं, बल्कि उनके साथ सहानुभूति और संवेदनशीलता से व्यवहार करना हर नागरिक का कर्तव्य है. गोवंश की बेहतरी और यातायात व्यवस्था दोनों को सुधारने की दिशा में यह पहल एक मजबूत कदम है.

नियम तोड़ने वालों पर अब कठोर सजा

जो गोपालक अभी भी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, उन्हें समझ लेना चाहिए कि अब अधिकारियों की नजरें सख्त हो चुकी हैं. स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे क्षेत्र में निगरानी रखें और जहां कहीं भी पालतू पशु खुले में छोड़े जाएं, वहां तत्काल कार्रवाई की जाए.

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FIR दर्ज होने के बाद क्या होता है?

जब किसी गोपालक के खिलाफ FIR दर्ज होती है तो:

  • पुलिस जांच प्रारंभ होती है
  • क्रूरता की पुष्टि होने पर मामला कोर्ट में जाता है
  • दोषी पाए जाने पर जुर्माना या जेल हो सकती है
  • इससे यह साफ होता है कि अब यह केवल चेतावनी नहीं बल्कि कानूनी कार्रवाई का विषय बन चुका है.

नियमों का पालन ही समाधान

सरकार का मकसद किसी को परेशान करना नहीं बल्कि समाज की भलाई सुनिश्चित करना है. यदि सभी गोपालक अपने पालतू पशुओं की उचित देखभाल करें, उन्हें समय पर चारा-पानी दें और सुरक्षित स्थानों पर रखें, तो न सिर्फ सड़क हादसों में कमी आएगी, बल्कि पशुओं की स्थिति भी सुधरेगी.

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