Minimum Wage Update: हरियाणा में काम कर रहे लाखों मजदूरों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। राज्य सरकार ने न्यूनतम मजदूरी दरों में संशोधन की प्रक्रिया को आधिकारिक रूप से शुरू कर दिया है। यह फैसला मजदूर वर्ग की लंबे समय से चली आ रही मांगों को देखते हुए लिया गया है।
2015 के बाद अब हो रहा है बदलाव
पिछली बार हरियाणा में मजदूरी दरों में संशोधन साल 2015 में किया गया था। इसके बाद अगला संशोधन 2020 में प्रस्तावित था, लेकिन किसी कारणवश यह प्रक्रिया लंबित रह गई। अब जाकर सैनी सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाया है और नई दरों को लेकर काम शुरू कर दिया गया है।
समिति का गठन और अधिकारियों की नियुक्ति
न्यूनतम मजदूरी दरों में बदलाव को लेकर एक विशेष समिति का गठन किया गया है। संयुक्त श्रम आयुक्त परमजीत सिंह को इस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसके अलावा समिति में श्रम, वित्त और योजना विभाग के दो-दो अधिकारी भी शामिल किए गए हैं।
विशेषज्ञ भी बने हिस्सा
इस समिति में विषय विशेषज्ञ के तौर पर भारतीय मजदूर संघ (BMS) के जोनल संगठन सचिव पवन कुमार को शामिल किया गया है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि केवल प्रशासनिक अधिकारी ही नहीं, बल्कि मजदूर हितों की समझ रखने वाले विशेषज्ञ भी शामिल हों।
उप-समिति का नेतृत्व उप-श्रम आयुक्त करेंगे
मुख्य समिति के साथ ही एक उप-समिति भी बनाई गई है, जिसकी कमान उप-श्रम आयुक्त विश्वजीत सिंह हुड्डा को सौंपी गई है। यह उप-समिति मुख्य समिति के साथ समन्वय में कार्य करेगी और जमीनी स्तर की व्यावहारिक चुनौतियों को ध्यान में रखकर सिफारिशें तैयार करेगी।
90 दिन में देनी होगी रिपोर्ट
समिति को निर्देश दिए गए हैं कि वे 90 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट और सिफारिशें सरकार को सौंप दें। यदि सिफारिशों को समय रहते स्वीकार कर लागू कर दिया जाता है, तो इससे हरियाणा के लाखों मजदूरों को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ मिलेगा।
मजदूर वर्ग को क्यों जरूरी है संशोधन?
महंगाई, जीवन-यापन की लागत और परिवार के खर्चे के मद्देनजर मजदूरी दरों का समय-समय पर संशोधन आवश्यक है। 2015 से अब तक महंगाई में भारी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन मजदूरी दरें जस की तस हैं, जिससे मजदूर वर्ग को आर्थिक रूप से कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा?
यदि न्यूनतम मजदूरी दरों में संशोधन होता है, तो निर्माण श्रमिक, घरेलू कामगार, खेतिहर मजदूर, फैक्ट्री कर्मचारी और दैनिक वेतन भोगी सबसे अधिक लाभान्वित होंगे। इसके अलावा औद्योगिक इकाइयों में काम कर रहे मजदूरों की भी आमदनी में इजाफा होगा।
राज्य सरकार की मंशा साफ
सरकार की मंशा है कि श्रमिकों की स्थिति में सुधार हो और वे किफायती जीवन जी सकें। मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में यह कदम उठाना इस बात का संकेत है कि उनकी सरकार मजदूर हितों को लेकर गंभीर है।
विशेषज्ञों की राय
श्रम संगठनों और आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार यह संशोधन समय पर लागू करती है, तो इससे हरियाणा में श्रमिकों की जीवन गुणवत्ता में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा। साथ ही, यह कदम राज्य की आर्थिक प्रगति में भी योगदान देगा।