Indian Railway Station: भवानी मंडी रेलवे स्टेशन भारत के उन गिने-चुने रेलवे स्टेशनों में से एक है जो दो राज्यों की सीमा पर स्थित है. यह स्टेशन राजस्थान के झालावाड़ जिले और मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के बीच स्थित है, जहां पर खड़ी ट्रेन का इंजन राजस्थान में और अंतिम डिब्बा मध्यप्रदेश में होता है. इस विशेषता ने इस स्टेशन को यात्रियों, रेलवे प्रेमियों और भूगोल के छात्रों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बना दिया है.
टिकट राजस्थान से, चढ़ना उतरना दो राज्यों में
हालांकि यह स्टेशन दो राज्यों की सीमा पर स्थित है, लेकिन इसका टिकट काउंटर राजस्थान के हिस्से में आता है. इसके बावजूद प्लेटफॉर्म का अधिकांश हिस्सा मध्यप्रदेश में फैला हुआ है. यही कारण है कि टिकट खरीदने वाले यात्री दोनों राज्यों से होते हैं और अक्सर ट्रेन में चढ़ते राजस्थान से हैं, लेकिन उतरते मध्यप्रदेश में.
दो राज्यों को जोड़ता नहीं, दिखाता है
इस स्टेशन पर दो बोर्ड लगे होते हैं – एक पर लिखा होता है “राजस्थान” और दूसरे पर “मध्यप्रदेश”. यह नजारा यात्रियों को हैरान भी करता है और आकर्षित भी. यही कारण है कि यह स्टेशन आज सेल्फी पॉइंट के रूप में भी प्रसिद्ध हो गया है. सोशल मीडिया पर कई ब्लॉगर और इनफ्लुएंसर यहां आकर खास कंटेंट बनाते हैं.
रेलवे स्टेशन ही नहीं, घर भी दो राज्यों में
केवल रेलवे स्टेशन ही नहीं, स्टेशन के आसपास के इलाके भी उतने ही खास हैं. कुछ घर ऐसे हैं जिनका मुख्य दरवाजा मध्यप्रदेश में और पिछला हिस्सा राजस्थान में है. इससे प्रशासनिक और राजनीतिक परिस्थितियों में भी कई बार रोचकता देखने को मिलती है.
कोटा मंडल के तहत आता है भवानी मंडी स्टेशन
यह स्टेशन वेस्ट सेंट्रल रेलवे के कोटा मंडल के अंतर्गत आता है और नई दिल्ली-मुंबई मुख्य रेलमार्ग का अहम हिस्सा है. यहां से कई प्रमुख ट्रेनें गुजरती हैं, खासकर वे ट्रेनें जो दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा करती हैं. यह स्टेशन यात्रियों की सुविधा के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है.
भूगोल और पर्यटन का अनोखा संगम
जो लोग पहली बार भवानी मंडी स्टेशन पर उतरते हैं, वे एक ही प्लेटफॉर्म को दो राज्यों में फैला हुआ देखकर चकित रह जाते हैं. यह अनुभव बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए अविस्मरणीय बन जाता है. यहां आकर लोग न केवल यात्रा करते हैं, बल्कि भारत के भौगोलिक विविधता को भी करीब से महसूस करते हैं.
पर्यटन के लिहाज से भी खास
भवानी मंडी रेलवे स्टेशन अब पर्यटन के नक्शे पर भी अपनी पहचान बना चुका है. दूर-दराज से पर्यटक इस स्टेशन को देखने और अनुभव करने आते हैं. यह न केवल रेल यात्रा का केंद्र है, बल्कि एक भूगोलिक अजूबा भी है जो भारत की संविधानिक और भौगोलिक संरचना को जीवंत रूप में प्रस्तुत करता है.