Shimla AC Train: उत्तर रेलवे कालका-शिमला हेरिटेज रेल सेक्शन पर पहली बार एसी विस्टाडोम कोच चलाने की तैयारी कर रहा है. लेकिन फिलहाल इन कोचों की तकनीकी खामियों ने ट्रेन की शुरुआत को रोक दिया है. कपूरथला कोच फैक्ट्री से आए इंजीनियर इन खामियों को दूर करने में जुटे हैं.
खराब कूलिंग और खिड़कियों की बनावट बनी परेशानी
रेलवे ने जिन विस्टाडोम कोचों को शिमला रूट के लिए तैयार किया है, उनमें एसी कूलिंग और खिड़कियों के डिजाइन में गंभीर कमियां पाई गई हैं. यात्रियों को सफर के दौरान सही तापमान नहीं मिल पा रहा था. इसके अलावा खिड़कियों की सीलिंग सामग्री कमजोर निकली, जिससे ठंडी हवा बाहर निकल रही थी.
सीसीटीवी और हाईटेक सुरक्षा सुविधाएं होंगी शामिल
यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कोचों में 360 डिग्री सीसीटीवी कैमरे, फायर अलार्म सिस्टम, एंटी-UV ग्लास, लीनियर एलईडी लाइट्स, और हीटिंग-कूलिंग एसी पैकेज जैसी आधुनिक तकनीकें लगाई जा रही हैं. ट्रेन के प्रत्येक कोच में कैमरे लगे होंगे जिनकी निगरानी गार्ड की स्क्रीन से की जाएगी.
किराया होगा थोड़ा महंगा, रेलवे कर रहा विचार
जैसे ही विस्टाडोम कोच सेवा शुरू होगी, यात्रियों को इसके लिए अधिक किराया चुकाना पड़ सकता है. रेलवे किराया बढ़ाने पर विचार कर रहा है, हालांकि अब तक इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. संकेत मिल रहे हैं कि लक्जरी सुविधाओं के अनुसार यह सेवा थोड़ा महंगी हो सकती है.
इंजीनियरों की टीम खामियों को कर रही दुरुस्त
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक वर्मा ने निरीक्षण के दौरान इन कोचों में कई कमियां पाई थीं. इसके बाद कपूरथला कोच फैक्ट्री से इंजीनियरों की टीम भेजी गई है. इन्हें खामियों को जल्द ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं. कोच की कूलिंग डक्ट ग्रिल, एसी सिस्टम की एयर सर्कुलेशन व्यवस्था, और इमरजेंसी खिड़की की अनुपस्थिति जैसी तकनीकी समस्याएं दूर की जा रही हैं.
बाहर की वादियों के लिए बड़े शीशे, लेकिन कोच तैयार नहीं
इन कोचों की विस्टाडोम पैनोरमिक खिड़कियां यात्रियों को बाहर के शानदार दृश्यों का आनंद लेने के लिए डिज़ाइन की गई हैं. लेकिन जब तक इन कोचों की कूलिंग प्रणाली, एसी की दक्षता और अन्य सुरक्षात्मक व्यवस्थाएं ठीक नहीं हो जातीं, तब तक इनका संचालन संभव नहीं है.
सफेद हाथी बनने का डर, सीजन में नहीं चल पाएंगी ट्रेनें
सूत्रों के अनुसार, तकनीकी खामियों के चलते इस पर्यटन सीजन में ये कोच पटरी पर नहीं दौड़ पाएंगे, जिससे यह परियोजना सफेद हाथी बनकर रह सकती है. अधिकारियों को उम्मीद है कि आगामी महीनों में सभी कमियों को दूर कर विस्टाडोम कोच का ट्रायल और संचालन शुरू किया जाएगा.
पर्यटकों को मिलेगा नया अनुभव
एक बार ये कोच संचालन में आ जाते हैं, तो पर्यटकों को शिमला की हसीन वादियों का लक्जरी अनुभव मिलेगा. बड़े शीशे, आरामदायक सीटें, वातानुकूलित कोच और शानदार नज़ारों के साथ यह यात्रा पर्यटकों के लिए यादगार बन सकती है.