Haryana Rain Alert: हरियाणा में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आज पूरे प्रदेश में बरसात की संभावना जताई है और 18 जिलों में गरज-चमक व तेज हवाओं के साथ बारिश के लिए यलो अलर्ट जारी किया है. मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाली नमी इस बार बारिश को मजबूत बना रही है.
हिसार कृषि विश्वविद्यालय की रिपोर्ट ने किया पूर्वानुमान स्पष्ट
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, बंगाल की खाड़ी से नमी वाली मानसूनी हवाएं प्रदेश की ओर बढ़ रही हैं, वहीं राजस्थान के ऊपर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण अरब सागर से भी नमी प्रदेश में पहुंच रही है. इन दोनों हवाओं के मिलन से प्रदेश में व्यापक स्तर पर बारिश की संभावना बनी हुई है.
बीते दिन हिसार और फतेहाबाद में हुई बारिश
4 जुलाई को हरियाणा के हिसार और फतेहाबाद जिलों में बारिश रिकॉर्ड की गई. इससे किसानों और आम लोगों को राहत तो मिली, साथ ही यह भी संकेत मिला कि आने वाले दिनों में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो सकता है. इन जिलों में तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई.
7 जुलाई तक जारी रह सकती है बारिश
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि हरियाणा में 7 जुलाई तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा. इस दौरान कुछ जिलों में तेज बारिश के साथ आंधी और गरज-चमक की भी आशंका है. खासकर जिन जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है, वहां लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.
औसत से 32 प्रतिशत अधिक हो चुकी है वर्षा
2025 में अब तक हरियाणा में औसतन 86.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जबकि सामान्य आंकड़ा 65.4 मिमी का होता है. इसका मतलब है कि इस साल अब तक राज्य में 32% अधिक बारिश हो चुकी है, जो खेती-बाड़ी के लिए अच्छा संकेत है, लेकिन जलभराव और अन्य दिक्कतों की भी संभावना बढ़ गई है.
राज्य के तापमान में भी गिरावट दर्ज
गुरुवार को हरियाणा के अधिकतम तापमान में औसतन 0.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई. हालांकि, सिरसा राज्य का सबसे गर्म जिला बना रहा, जहां अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस रहा. तापमान में गिरावट से गर्मी से राहत मिली है, लेकिन उमस अभी भी परेशानी का कारण बनी हुई है.
किसानों के लिए राहत की खबर
बारिश के ये आंकड़े और पूर्वानुमान हरियाणा के किसानों के लिए शुभ संकेत हैं. खासकर धान, कपास और अन्य खरीफ फसलों के लिए यह सिंचाई की निर्भरता को कम करेगा और पैदावार में इजाफा भी हो सकता है. हालांकि, जलभराव वाली फसलों में सतर्कता जरूरी है.
इन जिलों में विशेष सतर्कता बरतने की सलाह
मौसम विभाग ने जिन 18 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है, उनमें शामिल हैं: हिसार, फतेहाबाद, भिवानी, रोहतक, झज्जर, चरखी दादरी, सिरसा, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, यमुनानगर, पंचकूला, अंबाला, पानीपत, रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़, गुड़गांव और फरीदाबाद. इन जिलों में लोगों को घर से बाहर निकलते समय सतर्क रहने और बारिश व तेज हवाओं से सुरक्षा की तैयारी रखने की सलाह दी गई है.
नमी के दोहरे स्रोत से बढ़ी बारिश की ताकत
एक ओर बंगाल की खाड़ी से उठती मानसूनी हवाएं हैं, तो दूसरी ओर राजस्थान के ऊपर बना चक्रवाती सिस्टम अरब सागर की नमी को प्रदेश की ओर खींच रहा है. दोनों मिलकर एक सक्रिय मानसूनी तंत्र बना रहे हैं, जिससे बारिश का दायरा और तीव्रता दोनों बढ़ रही है.