ITR Filing: वित्त वर्ष 2024-25 (AY 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. आयकर विभाग ने टैक्सपेयर्स को राहत देते हुए ITR फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी है. हालांकि समय भले बढ़ गया हो, लेकिन रिटर्न भरते समय गलती करना भारी पड़ सकता है. गलत जानकारी देने से न केवल रिफंड अटक सकता है, बल्कि आप आयकर विभाग के रडार पर भी आ सकते हैं.
सही ITR फॉर्म का चुनाव करें
आयकर विभाग ने ITR-1 से ITR-7 तक अलग-अलग टैक्सपेयर्स के लिए फॉर्म तय किए हैं. आपकी आय का स्रोत किस श्रेणी में आता है, उसी के अनुसार फॉर्म भरना जरूरी है. गलत फॉर्म भरने पर ITR अमान्य हो सकती है, जिससे आपको दोबारा पूरी प्रक्रिया करनी पड़ सकती है.
सभी आय स्रोतों को घोषित करें
ITR में केवल वेतन या व्यवसाय से आय भरना पर्याप्त नहीं है. आपको ब्याज, किराया, शेयरों से लाभ, विदेशी आय या संपत्ति जैसी अन्य सभी आय के स्रोत भी घोषित करने होंगे. इनकम छिपाने पर 50% से 200% तक का जुर्माना लग सकता है.
बड़े खर्चों की जानकारी छुपाना न पड़े भारी
यदि आपने बिजली बिल में सालाना 1 लाख से अधिक, क्रेडिट कार्ड से 10 लाख से ज्यादा खर्च, विदेश यात्रा, या महंगी गाड़ियों पर खर्च किया है, तो ITR में इसकी जानकारी जरूर दें. आय और खर्च में तालमेल न दिखाने पर आयकर विभाग नोटिस भेज सकता है और रिफंड रोका जा सकता है.
छूट वाली आय को भी करें शामिल
कई बार टैक्सपेयर्स टैक्स-फ्री इनकम जैसे कृषि आय या पार्टनर फर्म से मिले प्रॉफिट शेयर को ITR में दर्ज नहीं करते. यह एक बड़ी चूक है. ऐसी आय को भी संबंधित कॉलम में सही ढंग से दर्ज करना जरूरी है.
क्रॉस चेक करें फॉर्म-26AS और TDS सर्टिफिकेट
ITR भरने से पहले फॉर्म 26AS, फॉर्म 16 और TDS सर्टिफिकेट की जानकारी को आपस में तुलना (Cross-check) करें. अगर कोई अंतर है, तो पहले नियोक्ता या बैंक से सुधार करवाएं. यह न करने पर रिफंड में कटौती हो सकती है.
नौकरी बदलने पर फॉर्म 16 का सही मिलान करें
यदि आपने साल के दौरान नौकरी बदली है, तो पहले और दूसरे नियोक्ता से मिले फॉर्म 16 को मिलाएं. अगर दोनों से स्टैंडर्ड डिडक्शन ले लिया गया, तो गलती से ज्यादा टैक्स देना पड़ सकता है. नए नियोक्ता को पुराना फॉर्म 16 देना समझदारी है.
ITR में न भरें गलत व्यक्तिगत जानकारी
नाम, जन्म तिथि, PAN, मोबाइल नंबर, पता, ईमेल ID जैसी व्यक्तिगत जानकारी पैन कार्ड के अनुसार ही भरें. अगर आपने बैंक अकाउंट की जानकारी गलत दी, तो रिफंड बैंक में नहीं पहुंच पाएगा. यह एक आम गलती है जिससे लोग परेशान होते हैं.
एचआरए क्लेम में सावधानी जरूरी
यदि आप ओल्ड टैक्स रिजीम में हैं और HRA का दावा कर रहे हैं, तो आपके पास रेंट एग्रीमेंट, किराये की रसीदें और अगर सालाना किराया ₹1 लाख से ज्यादा है तो मकान मालिक का PAN नंबर जरूर होना चाहिए. आयकर विभाग HRA क्लेम की ऑनलाइन पुष्टि कर सकता है, इसलिए जानकारी सही दें.
ITR फाइल करने के बाद ई-वेरिफिकेशन करना न भूलें
ITR फाइल करने के बाद उसे ई-वेरिफाई (E-verify) करना अनिवार्य है. यदि किसी कारणवश ई-वेरिफिकेशन नहीं कर पाए, तो 30 दिन के भीतर ITR-V फॉर्म को हस्ताक्षर कर के CPC बेंगलुरु के पते पर पोस्ट करें. ऐसा न करने पर आपकी फाइलिंग अधूरी मानी जाएगी.