यूपीआई से लेनदेन करना हुआ आसान, सिर्फ 10 सेकंड में मिलेगा ट्रांजैक्शन स्टेटस UPI New update

UPI New update: देशभर में करोड़ों लोग यूपीआई के माध्यम से लेन-देन करते हैं. अब इन यूजर्स के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर है. NPCI के हालिया निर्देशों के अनुसार, UPI API का रिस्पॉन्स टाइम अब और तेज हो गया है. 1 जुलाई 2025 से ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक और फेल पेमेंट रिवर्सल जैसी सेवाएं सिर्फ 10 सेकंड में पूरी हो सकेंगी, जो पहले 30 सेकंड तक का समय लेती थीं.

अब रियल टाइम स्टेटस और रिवर्सल संभव

अब तक UPI यूजर्स को जब कोई ट्रांजैक्शन फेल होता था, तो उसके रिफंड या स्टेटस जानने में 30 सेकंड तक इंतजार करना पड़ता था. लेकिन अब यह प्रक्रिया तीन गुना तेज होगी. पे और कलेक्ट API के लिए भी वैलिडेशन टाइम को 15 सेकंड से घटाकर 10 सेकंड कर दिया गया है.

फोनपे, गूगल पे और पेटीएम को मिलेगा फायदा

इस बदलाव का सीधा लाभ उन सभी पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSPs) को होगा जो UPI का इस्तेमाल करते हैं, जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm आदि. इसके अलावा रिमिटर बैंक और बेनिफिशियरी बैंक भी इस तेज़ रिस्पॉन्स के कारण ग्राहकों को बेहतर सेवा दे सकेंगे.

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NPCI का उद्देश्य

NPCI ने स्पष्ट किया है कि इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य UPI उपयोगकर्ताओं को बेहतर और भरोसेमंद अनुभव देना है. सभी सदस्य बैंकों और पार्टनर संस्थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने सिस्टम में ऐसे बदलाव सुनिश्चित करें जिससे रिस्पॉन्स समय तय सीमा में ही रहे.

सिर्फ तकनीकी नहीं, कॉन्फ़िगरेशन बदलाव भी जरूरी

NPCI ने यह भी कहा है कि यदि किसी बैंक, PSP या मर्चेंट को इन नए मानकों के अनुसार कॉन्फ़िगरेशन या सिस्टम परिवर्तन की जरूरत है, तो उसे भी समय रहते पूरा करना होगा ताकि ग्राहक सेवाओं में कोई रुकावट न हो.

अगस्त से लागू होंगे और बड़े बदलाव

NPCI के 21 मई 2025 को जारी एक अन्य सर्कुलर के अनुसार, अगस्त से UPI में और बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. इन नए बदलावों के तहत बैलेंस इंक्वायरी, लिस्ट अकाउंट और ऑटोपे मैंडेट एग्जिक्यूशन जैसी सेवाओं की प्रक्रियाएं भी सुधारी जाएंगी. इसके लिए सभी PSP बैंक और एक्वायरिंग बैंक को API मॉनिटरिंग और मॉडरेशन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है.

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रियल-टाइम प्रोसेसिंग से UPI सिस्टम और मजबूत

इन सुधारों के साथ भारत का UPI सिस्टम और भी मजबूत, सुरक्षित और तेज बनता जा रहा है. जहां एक ओर ट्रांजैक्शन विफल होने पर ग्राहकों को राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर साइबर सुरक्षा और सेवा की गुणवत्ता भी बेहतर होगी.

यूजर्स को क्या करना होगा?

इन बदलावों का फायदा लेने के लिए यूजर्स को अपने ऐप्स को अपडेट रखना होगा. साथ ही, किसी भी असामान्य व्यवहार या बार-बार फेल हो रहे लेन-देन की स्थिति में अपने बैंक या UPI सेवा प्रदाता से संपर्क करें.

भविष्य में और अधिक ऑटोमेटेड सेवा

बदलते सिस्टम के साथ UPI प्लेटफॉर्म की ओर से बिल पेमेंट, सब्सक्रिप्शन, रिमाइंडर और फिक्स्ड पेमेंट्स जैसे फीचर्स को भी अधिक ऑटोमेटेड और यूजर-फ्रेंडली बनाया जा रहा है.

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