BBMB water distribution: पंजाब और हरियाणा के बीच जल बंटवारे को लेकर लंबे समय से विवाद चलता रहा है। सोमवार को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) की बैठक में दोनों राज्यों के बीच पानी के बंटवारे को लेकर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में जहां पंजाब ने 35 फीसदी अधिक पानी की मांग रखी, वहीं हरियाणा को भी तय हिस्से का पानी मिलने पर सहमति बनी।
हरियाणा को मिलेगा 9700 क्यूसेक पानी
बैठक में तय किया गया कि हरियाणा को 9700 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराया जाएगा। यह मात्रा पिछले सर्कल के मुकाबले थोड़ी अधिक है। हालांकि अभी भाखड़ा नहर की मरम्मत का काम चल रहा है, जिसके चलते हरियाणा को फिलहाल कम पानी मिल रहा है।
BBMB अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि अगले 4-5 दिनों में मरम्मत कार्य पूरा हो जाएगा, जिसके बाद हरियाणा को पूरी मात्रा में पानी मिलना शुरू हो जाएगा।
पंजाब ने बढ़ाई मांग, अब चाहिए 35 हजार क्यूसेक पानी
पंजाब सरकार ने इस बार पिछले वर्ष की तुलना में 35% अधिक पानी की मांग रखी है। पिछले साल राज्य ने धान की रोपाई के लिए 26 हजार क्यूसेक पानी मांगा था, लेकिन इस बार 35 हजार क्यूसेक की डिमांड की गई है। राज्य ने कहा कि खेतों में बढ़ते तापमान और जल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह मांग की गई है।
दोनों राज्यों की मांगों पर बनी सहमति
BBMB ने बैठक के बाद बताया कि दोनों राज्यों की मांगों पर लगभग सहमति बन गई है। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि जल वितरण उपलब्धता के आधार पर किया जाएगा। यानी, अगर पानी की उपलब्धता में बदलाव हुआ तो मांगों में भी कुछ परिवर्तन हो सकता है। फिर भी, हर राज्य को यथासंभव उनकी मांग के अनुसार पानी देने की योजना बनाई गई है।
भाखड़ा नहर की मरम्मत बनी अस्थायी बाधा
BBMB के अधिकारियों के अनुसार, इस समय भाखड़ा नहर की मरम्मत चल रही है, जिसके कारण पानी की आपूर्ति कुछ समय के लिए सीमित कर दी गई है। लेकिन मरम्मत कार्य तेज़ी से पूरा किया जा रहा है, जिससे जल्द ही दोनों राज्यों को नियमित आपूर्ति फिर से शुरू हो जाएगी।
पंजाब-हरियाणा में जल प्रबंधन बना चुनौतीपूर्ण मुद्दा
हर साल गर्मी और धान की रोपाई के समय जल बंटवारे का मुद्दा तनावपूर्ण हो जाता है। कृषि आधारित अर्थव्यवस्था होने के कारण पानी की मांग दोनों राज्यों में अत्यधिक रहती है। यही वजह है कि BBMB की हर बैठक पर सबकी नजर रहती है।