Fastag Use Rule: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अब फास्टैग (FASTag) को सिर्फ टोल कलेक्शन तक सीमित नहीं रखना चाहता. मंत्रालय चाहता है कि फास्टैग का उपयोग अब इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग, पार्किंग और बीमा भुगतान जैसी सेवाओं के लिए भी किया जाए. इससे न केवल आम जनता को सुविधा होगी, बल्कि डिजिटल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम में पारदर्शिता और कार्यक्षमता भी बढ़ेगी.
फास्टैग के नए इस्तेमाल को लेकर हुई अहम बैठक
इंडियन हाईवेज एंड मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (IHMCL) ने फिनटेक कंपनियों के साथ एक मीटिंग की जिसमें फास्टैग सिस्टम के संभावित नए इस्तेमाल पर विस्तार से चर्चा की गई. यह कंपनी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के तहत काम करती है. बैठक में नियम-कानून, सिक्योरिटी, यूजर फीडबैक, शिकायतों और टोल के अलावा अन्य क्षेत्रों में फास्टैग के इस्तेमाल को लेकर सुझाव लिए गए.
अब पार्किंग, बीमा और EV चार्जिंग के लिए भी हो सकता है फास्टैग का उपयोग
मंत्रालय चाहता है कि फास्टैग को बहुउद्देश्यीय डिजिटल पेमेंट टूल के रूप में विकसित किया जाए. इसकी मदद से लोग पार्किंग फीस, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग, और वाहन बीमा भुगतान भी आसानी से कर सकें. यह बदलाव आम जनता के लिए सुविधाजनक साबित हो सकता है.
मल्टी-लेन फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम (MLFF) की तैयारी
मीटिंग में फिनटेक कंपनियों को MLFF यानी मल्टी-लेन फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम के बारे में जानकारी दी गई. इस तकनीक से वाहन बिना रुके टोल बूथ से गुजर सकेंगे. इसमें फास्टैग और वाहन नंबर को RFID रीडर और ANPR कैमरों की मदद से स्कैन किया जाएगा और स्वचालित रूप से टोल की कटौती हो जाएगी.
फास्टैग से हो रहा है बड़ा कलेक्शन
फास्टैग के जरिए भारत में टोल कलेक्शन काफी प्रभावशाली हो चुका है. नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (NETC) प्रोग्राम वर्तमान में 1728 टोल प्लाजा पर लागू है, जिसमें 1113 नेशनल हाईवे और 615 स्टेट हाईवे शामिल हैं. कुल टोल कलेक्शन में से 98.5% भुगतान फास्टैग से ही होता है.
अब तक भारत में 11.04 करोड़ से ज्यादा फास्टैग जारी किए जा चुके हैं और 38 से अधिक बैंकों ने इन्हें वितरित किया है.
नितिन गडकरी का बड़ा बयान
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि “फास्टैग सिस्टम में अपार संभावनाएं हैं.” उन्होंने कहा कि यह सिर्फ टोल के लिए नहीं, बल्कि देशभर में बिना रुकावट यात्रा का माध्यम बन सकता है. गडकरी के मुताबिक, सरकार चाहती है कि फिनटेक कंपनियों के सहयोग से फास्टैग को एक यूनिवर्सल प्लेटफॉर्म में बदला जाए, जिससे लोगों को हर क्षेत्र में डिजिटल सुविधा मिले.
ट्रांसपोर्ट सेक्टर में आएगी पारदर्शिता और रफ्तार
फास्टैग के बढ़ते उपयोग से ट्रांसपोर्ट और मोबिलिटी सेक्टर में टेक्नोलॉजी आधारित समाधान मिलेंगे. इससे न केवल यात्री अनुभव बेहतर होगा, बल्कि ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में नौकरियों, निवेश और नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा.
डिजिटल इंडिया मिशन को मिलेगा बल
फास्टैग को कई क्षेत्रों में लागू करना डिजिटल इंडिया मिशन को भी गति देगा. एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार होगा जिससे देशभर के लोग एक ही टूल से कई सेवाओं का उपयोग कर पाएंगे. इससे न केवल नकदी रहित लेन-देन को बल मिलेगा, बल्कि सिस्टम की पारदर्शिता और ट्रैकिंग भी आसान हो जाएगी.