Ration Home Delivery: मध्य प्रदेश सरकार अब ‘राशन आपके द्वार योजना’ को शहरी क्षेत्रों में भी लागू करने जा रही है. इस योजना के तहत अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के उपभोक्ताओं को राशन दुकानों पर लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी. शुरुआत भोपाल जिले से की जा रही है जहां लगभग 30 हजार उपभोक्ताओं को उनके घर पर ही राशन पहुंचाया जाएगा.
भोपाल जिले से होगी योजना की शुरुआत
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के जिला नियंत्रक ए.के. खुजूर ने बताया कि डोर स्टेप डिलीवरी योजना के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. इस योजना के तहत उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की परेशानी के बिना उनके घर पर सरकारी राशन की डिलीवरी की जाएगी.
डिजिटल तकनीक से जुड़ी होगी पूरी प्रक्रिया
इस योजना को पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी रखा गया है. अभी की व्यवस्था के अनुसार बायोमैट्रिक सत्यापन (अंगूठा लगाकर) राशन वितरित किया जाता है, लेकिन बुजुर्गों या बायोमैट्रिक फेल होने की स्थिति में राशन उनके नामित नॉमिनी को दिया जाएगा. इससे वृद्ध और अशक्त उपभोक्ताओं को भी सुविधा मिलेगी.
राशन की मांग ऐसे की जाएगी
मोबाइल KYC पूरी होने के बाद उपभोक्ताओं को मैसेज के जरिए राशन की मांग करनी होगी. उसके बाद, एक तय समय सीमा में राशन घर पहुंचा दिया जाएगा. यह प्रक्रिया लगभग ई-कॉमर्स डिलीवरी मॉडल की तरह काम करेगी, जैसे लोग ऑनलाइन ऑर्डर देकर सामान मंगाते हैं.
तीन महीने का राशन एक साथ
प्रारंभिक चरण में एक साथ आगामी तीन माह का राशन उपभोक्ताओं को दिया जाएगा. इससे बार-बार की परेशानी से भी राहत मिलेगी और राशन वितरण में समय की बचत होगी.
गरीब और जरूरतमंदों के लिए बड़ी राहत
यह योजना गरीब, बुजुर्ग, विकलांग और कामकाजी परिवारों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होगी. जहां पहले इन्हें लाइन में खड़े होकर घंटों इंतजार करना पड़ता था, अब वहीं सुविधा घर बैठे मिल सकेगी.
कैसे मिलेगी योजना का लाभ
इस योजना का लाभ उठाने के लिए उपभोक्ताओं को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होगा:
- राशन कार्ड मोबाइल नंबर से लिंक होना चाहिए
- मोबाइल पर आने वाले OTP या लिंक से KYC अपडेट करना होगा
- हर महीने मैसेज या कॉल के जरिए राशन की पुष्टि करनी होगी
- डिलीवरी के समय कार्डधारक या नॉमिनी को उपस्थित रहना अनिवार्य होगा
डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और कदम
यह योजना केवल राशन वितरण प्रणाली को आधुनिक बनाने का प्रयास नहीं है, बल्कि यह डिजिटल इंडिया मिशन के तहत एक सशक्त और समावेशी सेवा की ओर कदम है. इससे राशन वितरण में पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्धता सुनिश्चित होगी.
क्या कहती है सरकार?
राज्य सरकार का कहना है कि यह मॉडल दूसरे जिलों में भी चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा. अगर यह प्रयोग सफल होता है तो राज्यभर के शहरी क्षेत्रों में इसे अनिवार्य कर दिया जाएगा.