यूपी के इन जिलों तक बिछेगी डबल ट्रैक, इन शहरों के बीच तेज होगी कनेक्टिविटी Railway doubling project

Railway doubling project: देश में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. इसी क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत 773 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग को दोहरीकरण के तहत शामिल किया गया है. इस परियोजना में सीतापुर, गोंडा, कुसम्ही, औंड़िहार-वाराणसी और मथुरा-कासगंज सेक्शन शामिल हैं. इससे यात्रा तेज और सुगम होगी, वहीं मालगाड़ियों का संचालन समय भी घटेगा.

एफएलएस के जरिए परियोजना को अंतिम रूप देने की तैयारी

पूर्वोत्तर रेलवे में दूसरी, तीसरी और चौथी लाइनों के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे (FLS) का कार्य चल रहा है. यह सर्वे 773 किमी के रेलवे रूट पर किया जा रहा है जिसमें निम्न रूट शामिल हैं:

  • सीतापुर-बुढ़वल जंक्शन (चौका घाट): तीसरी एवं चौथी लाइन (103 किमी)
  • गोंडा (मैजापुर)-मगहर: तीसरी एवं चौथी लाइन (145 किमी)
  • कुसम्ही-छपरा ग्रामीण: तीसरी एवं चौथी लाइन (170 किमी)
  • औंड़िहार-वाराणसी: तीसरी लाइन (35 किमी)

गोरखपुर, छपरा और गोंडा सेक्शन में बन रही तीसरी लाइन

पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह के अनुसार, यात्रियों की बढ़ती संख्या और मांग को देखते हुए गोरखपुर जंक्शन-कुसम्ही (14 किमी), छपरा कचहरी-छपरा (2.0 किमी) और गोंडा कचहरी-करनैलगंज (23.65 किमी) रूट पर तीसरी लाइन का निर्माण किया गया है. इन पर अब ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो गया है.

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करनैलगंज-घाघरा घाट रूट पर तीसरी लाइन का कार्य अंतिम चरण में

करनैलगंज से घाघरा घाट के बीच तीसरी लाइन का कार्य अंतिम चरण में है. इसके पूरा होते ही इस सेक्शन की लाइन क्षमता में जबरदस्त वृद्धि होगी. अधिक ट्रेनें तेज़ी से चलाई जा सकेंगी और समय पालन में भी सुधार आएगा.

फायदा मिलेगा व्यापार और माल ढुलाई को

तीसरी और चौथी लाइन के निर्माण से व्यापारियों और उद्योगों को बड़ा लाभ मिलेगा. मालगाड़ियों का संचालन समय कम होने से वस्तुओं की आपूर्ति तेज़ होगी, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत घटेगी और व्यवसायिक गतिविधियों में तेजी आएगी.

वित्त वर्ष 2025-26 तक पूरी होंगी परियोजनाएं

पूर्वोत्तर रेलवे में चल रही इन छह महत्वपूर्ण परियोजनाओं का फाइनल लोकेशन सर्वे कार्य वित्त वर्ष 2025-26 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इसके बाद निर्माण कार्यों को गति दी जाएगी.

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रेल कनेक्टिविटी से होगा क्षेत्रीय सामाजिक और आर्थिक विकास

इन परियोजनाओं से पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को सामाजिक और आर्थिक लाभ मिलेगा. विशेषकर व्यापार, वाणिज्य, कृषि, शिक्षा, पर्यटन और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों को इसका लाभ पहुंचेगा. यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ने से रोजमर्रा की यात्रा आसान होगी.

यात्रियों को मिलेगा सुविधाजनक और समयबद्ध सफर

रेलवे के इस दोहरीकरण अभियान से यात्रियों को टाइम टेबल के अनुसार ट्रेनों की सुविधा मिलेगी. ट्रेनों का रुकावटों के बिना संचालन होगा और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं नहीं रहेंगी. इससे रेलवे की विश्वसनीयता और सेवा गुणवत्ता में इजाफा होगा.

लंबे समय तक मिलेगा रेलवे को भी फायदा

यह परियोजना केवल यात्रियों और व्यापारियों के लिए ही नहीं, बल्कि रेलवे के लिए भी आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित होगी. लाइन क्षमता बढ़ने से राजस्व में वृद्धि होगी और ट्रेन दुर्घटनाओं के जोखिम में भी कमी आएगी.

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