इस शहर की सड़कों पर नही दौड़ेंगे ई-रिक्शा! ट्रैफिक जाम से राहत के लिए प्रशासन का बड़ा फैसला e-rickshaw rule

e-rickshaw rule: राजधानी भोपाल में ट्रैफिक को सुचारू बनाने के लिए प्रशासन ने बड़ा निर्णय लिया है. अब शहर की मुख्य सड़कों पर ई-रिक्शा नहीं चलेंगे. यह आदेश 20 जून से लागू हो गया है और यह प्रायोगिक रूप से 7 दिन के लिए लागू किया गया है. इस फैसले का उद्देश्य तेजी से बिगड़ रही ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित करना है.

कमिश्नर कार्यालय में हुई उच्चस्तरीय बैठक

यह निर्णय गुरुवार को पुलिस कमिश्नर कार्यालय में आयोजित बैठक में लिया गया. बैठक में भोपाल सांसद आलोक शर्मा, पुलिस कमिश्नर हरिनारायणी मिश्र, कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह, नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण और अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे. चर्चा का मुख्य बिंदु था – शहर के मुख्य मार्गों पर लगातार बढ़ते ट्रैफिक जाम और हादसों की समस्या.

शहर की कालोनियों तक सीमित होंगे ई-रिक्शा

फैसले के तहत अब ई-रिक्शा केवल कॉलोनी क्षेत्र तक ही सीमित रहेंगे. उन्हें मुख्य सड़कों और चौराहों पर चलने की अनुमति नहीं होगी. यह व्यवस्था अस्थायी तौर पर 7 दिन तक लागू की गई है और 27 जून को अगली समीक्षा बैठक में इसकी प्रभावशीलता पर विचार कर स्थायी नीति बनाई जाएगी.

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ई-रिक्शा की धीमी रफ्तार बनी समस्या

शहर के व्यस्त क्षेत्रों जैसे रेलवे स्टेशन और नादरा बस स्टैंड पर ई-रिक्शा की धीमी गति और अव्यवस्थित ढंग से सवारियां चढ़ाने-उतारने के कारण अक्सर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है. तेज़ ट्रैफिक के बीच ये रिक्शा रफ्तार में बाधा बन जाते हैं और कई बार दुर्घटनाओं की वजह भी बनते हैं.

शहर में दौड़ रहे हैं 1500 से ज्यादा ई-रिक्शा

परिवहन विभाग के अनुसार, भोपाल की सड़कों पर इस समय 1500 से ज्यादा ई-रिक्शा चल रहे हैं. इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है और ये बिना किसी फिक्स रूट या परमिट के संचालन कर रहे हैं. इससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह गड़बड़ा गई है.

सांसद ने उठाया जाम की समस्या का मुद्दा

बैठक में सांसद आलोक शर्मा ने स्पष्ट कहा कि शहर की मुख्य सड़कों पर ई-रिक्शा जाम का मुख्य कारण बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि इनकी संख्या नियंत्रण से बाहर होती जा रही है. इस वजह से प्रशासन को कालोनियों तक सीमित करने का फैसला लेना पड़ा.

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कालोनियों में मिलेगी सस्ती और आसान सेवा

प्रशासन का मानना है कि ई-रिक्शा को कालोनियों तक सीमित रखने से स्थानीय लोगों को सुलभ और सस्ती परिवहन सेवा मिलती रहेगी, जबकि मुख्य सड़कों पर ट्रैफिक दबाव कम होगा. इससे शहर में यातायात व्यवस्था सुधरने की उम्मीद की जा रही है.

27 जून को होगा ट्रायल का मूल्यांकन

यह व्यवस्था फिलहाल ट्रायल आधार पर 7 दिनों के लिए लागू की गई है. 27 जून को प्रस्तावित समीक्षा बैठक में इसका मूल्यांकन किया जाएगा. यदि परिणाम सकारात्मक आते हैं, तो स्थायी नीति बनाकर इसे हमेशा के लिए लागू कर दिया जाएगा.

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